Top
Begin typing your search above and press return to search.

आईएसआई की नई साजिश : पंजाब में भारत विरोधी नफरत अभियान के लिए विदेशी कॉल्स की बाढ़ 

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा समर्थित कनाडा और अमेरिका में स्थित अलगाववादी सिख समूह खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा देने के लिए भारत विरोधी घृणा अभियान को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं

आईएसआई की नई साजिश : पंजाब में भारत विरोधी नफरत अभियान के लिए विदेशी कॉल्स की बाढ़ 
X

नई दिल्ली। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा समर्थित कनाडा और अमेरिका में स्थित अलगाववादी सिख समूह खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा देने के लिए भारत विरोधी घृणा अभियान को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।

भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा खालिस्तान चरमपंथियों के 20 से अधिक फोन नंबरों का पता लगाया गया है, जो पंजाब के विभिन्न जिलों में ऑडियो संदेश फैलाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। खुफिया एजेंसियों ने पाया कि ये नंबर अमेरिका, पाकिस्तान और अन्य स्थलों से संबंधित हैं।

एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अधिकतर कॉल में अमेरिका आधारित कोड जैसे (प्लस 1 253 533 71., प्लस 1 405 835 23., प्लस1 833 779 04.) पाए गए हैं। इन नंबरों का उपयोग प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा किया जा रहा है।

भारत में आतंक के कई मामलों में वांछित एसएफजे के चरमपंथी नेता गुरपटवंत सिंह पन्नू को हाल ही में आयोजित भारत विरोधी अभियान 'रेफरेंडम 2020' का मास्टरमाइंड कहा जाता है।

पन्नू के कथित सहयोगियों में से एक, कराची के इमरान मलिक ने पत्रकारों सहित पंजाब और चंडीगढ़ के कई लोगों को बुलाया और उन्हें एक स्वतंत्र खालिस्तान राज्य बनाने की मांग से संबंधित सिखों के गुप्त जनमत संग्रह के बारे में जानकारी दी।

एजेंसियों के सूत्रों ने खुलासा किया कि अमेरिका स्थित पन्नू और जर्मनी व ब्रिटेन में छिपे कुछ सिख चरमपंथियों को आईएसआई संचालकों द्वारा एसएफजे की छत्रछाया में लाया जा रहा है। रिपोटरें में कहा गया है कि पन्नू ने पिछले साल पाकिस्तान की यात्रा की थी और कराची में एक कार्यालय भी स्थापित किया था।

एसएफजे-आईएसआई सांठगांठ कथित तौर पर फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फर्जी आईडी का उपयोग कर अपने विषैले अलगाववादी विचारों को बढ़ावा देने के लिए है। भारत सरकार की एक शिकायत पर माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने जून 2019 में पन्नू के अकाउंट को निलंबित कर दिया था।

आईएसआई के इशारे पर एसएफजे नेता ने पिछले एक पखवाड़े में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र भी लिखा है। पन्नू ने अपने पत्र में एसएफजे की अलग सिख राष्ट्र की मांग के लिए चीनी सरकार से समर्थन मांगा है।

एसएफजे की ओर से यह पत्र लिखे जाने से एक दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चीन को चेतावनी दी थी कि दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा तनाव को लेकर बीजिंग द्वारा भारत को धमकी देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अमरिंदर सिंह की सरकार ने पंजाब में पन्नू और उसके गुर्गों के खिलाफ देशद्रोह के कई मामले दर्ज किए हैं।

इस बीच भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) जर्मनी आधारित कुछ प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ अपने विदेशी स्रोतों के जरिए जानकारी (इनपुट) इकट्ठा कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it