Top
Begin typing your search above and press return to search.

अफ्रीकी महाद्वीप के लिए परमाणु ऊर्जा अवसर है या आपदा?

कई अफ्रीकी देश बिजली की समस्याओं को दूर करने के लिए परमाणु ऊर्जा पर नजर गड़ाए हुए हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम विनाशकारी साबित हो सकता है. इसकी जगह सौर ऊर्जा पर ध्यान देना चाहिए.

अफ्रीकी महाद्वीप के लिए परमाणु ऊर्जा अवसर है या आपदा?
X

बुर्किना फासो दुनिया का ऐसा देश है जहां सबसे कम इलाकों तक बिजली पहुंची है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के आंकड़ों के मुताबिक, देश के सिर्फ 20 फीसदी लोगों तक ही बिजली आई है. अब यहां बिजली की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इसके बिना आर्थिक विकास मुश्किल है.

दुनिया के लिए अनजान रहे कैप्टन इब्राहिम ट्राओर के नेतृत्व में 2022 में बुर्किना फासो में तख्तापलट हुआ. सत्ता में आई सैन्य सरकार ने देश में बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के लिए हाल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. समझौते के मुताबिक, रूस की सरकारी कंपनी रोसातम देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण करेगी. इस परियोजना के चालू होने के बाद देश में बिजली की क्षमता काफी बढ़ सकती है, लेकिन विशेषज्ञ कई तरह की आशंका जता रहे हैं.

सैन्य तख्तापलट के बाद से इब्राहिम ट्राओर देश पर शासन कर रहे हैं. 35 वर्षीय ट्राओर दुनिया के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति हैं. सत्ता में आने के बाद से ट्राओर फ्रांस से दूरी बना रहे हैं और रूस के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं.

सौर ऊर्जा भी बेहतर विकल्प

बुर्किना फासो में राष्ट्रीय समन्वय मामलों के पूर्व मंत्री और राजनीतिक विश्लेषक एड्रियन पॉसो जैसे आलोचकों का कहना है कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण सिर्फ रूसी प्रोपेगैंडा है. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "यह पूरी तरह हास्यास्पद बात है कि अफ्रीकी महाद्वीप में ऊर्जा और बिजली की समस्या हो सकती है. यहां सूरज की पर्याप्त रोशनी उपलब्ध है. बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए, ना कि परमाणु संयंत्र बनाने के लिए समझौता करना चाहिए.”

बांग्लादेश का पहला परमाणु बिजली घर बना रहा है रूस

बुर्किना फासो ही अकेला अफ्रीकी देश नहीं है जो परमाणु ऊर्जा के लिए विदेशी साझेदारों के साथ समझौता कर रहा है. रोसातम का लक्ष्य माली में भी परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है. इसके अलावा वह भूमध्यसागरीय तट पर स्थित मिस्र के अल डाबा शहर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कर रहा है. 2022 में शुरू की गई इस परियोजना में चार रूसी बिजली संयंत्र ब्लॉक होंगे, जिनमें से हर एक की क्षमता 1,200 मेगावाट बिजली पैदा करने की होगी.

अफ्रीका के अन्य हिस्सों में भी अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा को कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकल्प के तौर पर माना जा रहा है. यूगांडा के ऊर्जा मंत्रालय ने इस साल मार्च में घोषणा की थी कि 2031 तक देश में अधिक बिजली पैदा करने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा. कथित तौर पर देश में पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए जगह देखी जा रही है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it