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क्या बीआरएस विधायकों को तोड़ना संविधान और लोकतंत्र की हत्या नहीं : भाजपा

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधान परिषद के छह सदस्यों के कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है

क्या बीआरएस विधायकों को तोड़ना संविधान और लोकतंत्र की हत्या नहीं : भाजपा
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नई दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधान परिषद के छह सदस्यों के कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है।

भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने तेलंगाना के राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि हमेशा से कांग्रेस का दोहरा मापदंड रहा है। अगर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कुछ होता है तो लोकतंत्र की हत्या है, संविधान की हत्या है। अगर कांग्रेस पार्टी कुछ करे तो उसके ऊपर सत्यमेव जयते है। सियासत में दोहरा मापदंड नहीं चल सकता।

उन्होंने कहा कि भाजपा पर आक्षेप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी को बताना पड़ेगा कि यह क्या है? बीआरएस के विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लेना, क्या यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है? ऐसे कृत्य के लिए देश और तेलंगाना की जनता कांग्रेस पार्टी को कभी माफ नहीं करेगी।

बीआरएस विधायक तोड़ने के सवाल पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से कांग्रेस में शामिल हो रहा है तो इसमें पार्टी का क्या कसूर। वहां ना नेता, ना नियति, ना नेतृत्व, ना व्यक्तित्व बचा, ना निष्ठा, ना पार्टी, ना रास्ता बचा। उनको अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है, क्यों उनके नेता उनकी पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं। कमी वहां है, हमारे यहां नहीं।

वहीं राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीआरएस के दिग्गज नेता के. केशव राव ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मौजूदगी में केशव राव पार्टी में शामिल हुए।

शामिल होने वाले एमएलसी में दांडे विट्टल, भानु प्रसाद, बी. दयानंद, प्रभाकर राव, एग्गे मल्लेशम और बसवराजू सरैया हैं। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है।


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