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एसटीपी के शोधित पानी से आईआईटीजीएनएल टाउनशिप के पेड़-पौधों की सिंचाई शुरू

देश के सबसे स्मार्ट शहरों में से एक आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में पेड़-पौधों की सिंचाई कासना स्थित एसटीपी के शोधित पानी से शुरू हो गई है

एसटीपी के शोधित पानी से आईआईटीजीएनएल टाउनशिप के पेड़-पौधों की सिंचाई शुरू
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ग्रेटर नोएडा। देश के सबसे स्मार्ट शहरों में से एक आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में पेड़-पौधों की सिंचाई कासना स्थित एसटीपी के शोधित पानी से शुरू हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल की एमडी रितु माहेश्वरी के निर्देश पर कासना एसटीपी से आईआईटीजीएनएल की टाउनशिप तक लाइन बिछाकर 01 मार्च से सप्लाई शुरू कर दी गई है। इस पहल से टाउनशिप के भूजल की भी बचत होगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कासना में 137 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है। इससे शोधित पानी का इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा में ग्रीनरी की सिंचाई के लिए किया जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ व आईआईटीजीएनएल की एमडी रितु माहेश्वरी ने इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए इसी एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए।

सीवर विभाग ने कासना से टाउनशिप तक लाइन बिछाकर 01 मार्च से आपूर्ति शुरू कर दी है। वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम, प्रबंधक प्रभात शंकर व सहायक प्रबंधक हरेंद्र सिंह ने जलापूर्ति नेटवर्क का निरीक्षण करने के बाद इसे शुरू कर दिया। इस नेटवर्क को तैयार करने में करीब 7.46 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि एसटीपी से टाउनशिप के लिए रोजाना 10 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है। इससे प्राधिकरण को प्रति माह 21 लाख रुपये का राजस्व भी मिलेगा और भूजल की भी बचत होगी।

अब इंटीग्रेटेड टाउनशिप के पेड़-पौधों की सिंचाई इसी पानी से होने लगी है। इस टाउनशिप के लिए वर्तमान में रोजाना 10 एमएलडी पानी की जरूरत है, जिसे बाद में 15 एमएलडी तक किया जा सकता है।

गौरतलब है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप से पहले सेक्टर ईकोटेक टू स्थित एनटीपीसी, नॉलेज पार्क -5 स्थित योट्टा डाटा सेंटर, इकोटेक वन एक्सटेंशन वन स्थित होलीटेक इंडिया प्रा. लि. में भी औद्योगिक कार्यों के लिए एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्राधिकरण आगामी दिनों में गोलचक्करों पर इसी पानी का इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर वाटर स्टैंड पोस्ट बनाए जाएंगे, जहां से टैंकरों में पानी भरकर सभी जगह ग्रीनरी की सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

गिरते भूजल स्तर को देखते हुए इस तरह की पहल बेहद जरूरी है। प्राधिकरण की कोशिश है कि एसटीपी से शोधित पानी का सिंचाई व औद्योगिक कार्यों में इस्तेमाल किया जाए। जिसको भी सीवर से शोधित पानी की जरूरत हो, वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है।

ग्रेटर नोएडा के हर नागरिक को भूजल बचत करने के लिए प्रयास करने चाहिए। पानी बहुत अनमोल है। इसे बर्बाद न होने दें।

रितु माहेश्वरी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व एमडी आईआईटीजीएनएल


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