पोड़ी-चपोरा रोड पुल निर्माण में अनियमितता
ग्रामीण अंचल के लोगों को सुविधा देने के लिए बनाई जा रही प्रधानमंत्री सड़क योजना की पुलिया निर्माण कार्य में कोताही बरती जा रही है। निर्माण कार्य में ठेकेदारों की खुलकर मनमानी चल रही है

रतनपुर। ग्रामीण अंचल के लोगों को सुविधा देने के लिए बनाई जा रही प्रधानमंत्री सड़क योजना की पुलिया निर्माण कार्य में कोताही बरती जा रही है। निर्माण कार्य में ठेकेदारों की खुलकर मनमानी चल रही है। विभागीय अधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं देना और न ही मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करना ग्रामीणों की समझ से परे है। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को नजर अंदाज करने से अधिकारीयो पर सवाल उठ रहा है ।
कोटा विकासखंड केे अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पोड़ी से चपोरा में राहगीरो की यात्रा तो सुगम व सरल बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का निर्माण कार्य किया जा रहा है सड़क निर्माण से पहले पानी निकासी के लिए पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा भर्रासाही करते हुए स्तरहीन मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। पुलिया निर्माण में निर्धारित मापदंड की बजाए सीमेंट, छड़ की मात्रा कम कर खराब रेत का उपयोग कर रहे है।
वही ठेकेदार अपने लाभ के लिए शासन को चूना लगाकर इन मार्गो से गुजरने वाले राहगीरों और ग्रामीणों के साथ धोखा कर रहे है। इससे आने वाले समय में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान देना भी मुनासीब नहीं समझ रहे है। जिससे ग्रामीणो को लगने लगा है की ठेकेदार और विभागीय अधिकारी की मिलीभगत से शासन की मंशा को धूमिल कर घटिया निर्माण कर रहे हैं।
स्वीकृत राशि की जानकारी अधिकारी को नहीं
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाये जा रहे पुलिया निर्माण कार्य की स्वीकृत राशि की जानकारी किसी को नही है। विभाग के अभियंता से जब पुलिया की स्वीकृत राशि की जानकारी मांगी गयी तो उन्होंने बताया की इसकी जानकारी उन्हे नही है । इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की विभागीय अधिकारी कितने जिम्मेदार है।
किसी भी निर्माण कार्य को निर्धारित मापदंड के आधार पर कार्य करवाने का जिम्मा अभियंता का होता है यदि उन्हे ही निर्माण कार्य की कोई जानकारी के साथ गुणवत्ता की परख न हो तो ठेकेदार तो अपनी मनमानी करेंगे ही।
ग्रामीण क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं
ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी कार्य को ठेका देने के बाद विभागीय अधिकारी ध्यान नही देते हैएजिसका पूरा फायदा ठेकेदार उठाते है। ग्रामीणों को जानकारी के अभाव मे चुप्पी साधे रहते हैए तो वही आला अधिकारी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता को देख परख करना भी उचित नही समझते। आलम यह होता की ठेकेदारों द्वारा मनमानी कर स्तरहीन निर्माण कार्य किया जाता है जो बनते ही टुटनेएउखड़ने लगती है। ग्रामीण खराब निर्माण की शिकायत भी करते है तो शिकायत पर कोई ध्यान नही दिया जाता है।
किसी भी निर्माण कार्य को करने से पहले उक्त स्थान पर एक बोर्ड बनाया जाता है ताकि ग्रामीणो को मालूम हो सके की क्या काम चल रहा है और किसके माध्यम से हो रहा है।लेकिन ग्राम चपोरा में नियम कायदो को ताक पर रख कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है वह अनदेखी करते हुए कोई बोर्ड नही लगाया गया है। निर्माण स्थल पर बोर्ड नही लगाने से निर्माण ऐजेंसी का नाम लागत स्वीकृत राशि और विभाग का नाम लोगो को पता नही है।
गुणवत्ताहीन निर्माण
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की पुलिया निर्माण में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन काम किया जा रहा है। मौके पर न कोई जिम्मेदार अधिकारी रहता है ना ही कोई भी कर्मचारी रहता है और ना ही ठेकेदार रहता है। शासन की योजना के साथ खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
अभी कुछ नहीं बता सकता
अभी मै कुछ नही बोल सकता मेरे पास जानकारी नही है।दो दिन बाद बताऊंगाएआप एसडीओ सर से जानकारी ले लिजिए।


