आईपीएफटी ने की त्रिपुरा सरकार के राजनीतिक स्थिति की समीक्षा की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके गठबंधन दल(आईपीएफटी) के मध्य राज्य में प्रशासन और ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता के बंटवारे के मुद्दे पर लगातार मतभेद

अगरतला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके गठबंधन दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के मध्य राज्य में प्रशासन और ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता के बंटवारे के मुद्दे पर लगातार मतभेद बढ़ने के बीच पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति ने शनिवार शाम एक बैठक में सरकार के प्रदर्शन और राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति की समीक्षा की।
पार्टी के अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री एनसी देववर्मा ने बताया कि यह उनकी पार्टी की नियमित बैठक थी लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि बैठक में राज्य की स्थिति, सरकार की आदिवासी विकास की गतिविधियों और 3300 से अधिक सीटों पर होने वाले निकाय चुनावों पर चर्चा हुई।
आईपीएफटी के सूत्रों ने बताया कि बैठक में नेताओं ने पार्टी के नेताओं के साथ प्रशासनिक शक्तियों के बंटवारे काे लेकर सरकार से अप्रसन्नता जाहिर की है। पिछले विधानसभा चुनावों में आईपीएफटी 11 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिनमें से उसने नौ सीटें जीती।
पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने यह भी कहा कि बैठक में सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक मामलों, भाषाई और शैक्षिक मुद्दों का अध्ययन करने के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन में केंद्र सरकार की देरी पर प्रकाश डाला गया। बैठक में निकाय उपचुनाव में आईपीएफटी की रणनीति के बारे में चर्चा की गई। पार्टी यह चुनाव अलग से लड़ने की पहले ही घोषणा कर चुकी है। बैठक में, केंद्रीय समिति ने अकेले उप-चुनाव लड़ने के पार्टी के निर्णय को सही बताया।
नेताओं ने कहा, “हमने चर्चा की है कि सरकार ने पिछले पांच महीनों के दौरान क्या किया है और आने वाले दिनों में क्या करने की जरूरत है।” बैठक में आईपीएफटी के शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा पार्टी के नौ प्रमुख संगठनों के प्रमुख भी मौजूद रहे।


