आशियाने को लेकर निवेशक एकजुट
सपनों के आशियाने को लेकर एक जुट हुए निवेशकों ने रविवार को सड़क पर अपना आक्रोश व्यक्त किया
नोएडा। सपनों के आशियाने को लेकर एक जुट हुए निवेशकों ने रविवार को सड़क पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। बच्चों से लेकर महिलाओं व बुजुर्गों ने बायर्स एसोसिएशन नेफोमा के बैनर तले पैदल मार्च निकाला। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे शहर की सबसे व्यवस्तम सड़क दादरी सुरपजपुर छलेरा (डीएससी) रोड स्थित सेक्टर-15 मेट्रो से मार्च शुरू किया गया। इस दौरान चक्का जाम भी किया गया। ट्रैफिक पुलिस से नोंकझोक व हल्की झड़प भी हुई।
आक्रोशित निवेशकों ने स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण और सरकार सिर्फ बिल्डरों का पक्ष ले रही हमारी यहा सुनने वाला कोई नहीं। मकान व पैसों की मांग को लेकर आम्रपाली व जेपी के अलावा सेक्टर-107,137 व अन्य बिल्डर लॉबी से परेशान निवेशक सुबह साढ़े ग्यारह बजे सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन पहुंचे। यहां प्रशासन व प्राधिकरण के विरोध में नारेबाजी करते हुए उन्होंने पैदल मार्च शुरू किया। आक्रोशित निवेशकों ने दिल्ली व डीएससी रोड ट्रैफिक को जाम कर दिया।
मांग थी कि जब तक हमारा पैसा या मकान नहीं मिलेगा हम यहा से नहीं हटेंगे। पैदल मार्च करीब दो किलोमीटर दूरी स्थित सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन पर समाप्त होना था। निवेशकों का आक्रोश व भीड़ को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। निवेशकों को हटाने के लिए पुलिस ने उनसे बातचीत की। लेकिन आक्रोशित निवेशकों ने स्पष्ट कहा कि हम यहा से तब जाएंगे जब हमारी मांगों पर स्पष्ट व लिखित जवाब मिले। इसक बाद पुलिस ने जबरन निवेशकों को सड़क से हटाने का प्रयास किया। जिसके बाद हल्की झड़प भी हुई।
आक्रोशित निवेशक अकेले नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ मार्च में पहुंचे। बच्चे और महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। वह आगे की तरफ रहे। हाथों में तख्ती लिए निवेशक सिर्फ अपने मकान की आस में नारे लगाते दिखे।
क्या है मांग
1- जब तक बिल्डर निवेशकों को मकानों पर कब्जा न दे। तब तक निवेशकों की बैंक की किश्त को रुकवाया जाए। ब्याज भी न लिया जाए क्योकि निवेशकों पर दोहरी मार पड़ रही है।
2- बिल्डर, निवेशकों और प्राधिकरण की त्रिपक्षीय बैठक का कोई असर बिल्डर पर नहीं हुआ जितने भी बड़े प्रोजेक्ट जेपी, अम्रापाली, अर्थ, शुभकामना, लोजिक्स, एवीजे, सुपरटेक, इन्टेलसिटी, देविका होम्स, एनपीएक्स टावर, अर्थकोन, यूनिटेक, एवीएस ऑर्चिड, मोरफस आदि सबके बॉयर्स आज भी परेशान हैं कोई भी लिखित आश्वासन न बिल्डर की तरफ से मिला न प्राधिकरण की तरफ बस मौखिक मीटिंग हो गई। लिखित में आश्वासन दिया जाए।
3- बिल्डरों ने प्राधिकरण की मिलीभगत से कहीं नक्शे से अधिक फ्लैट बनाए हैं, कही ग्रीन एरिया खत्म करके अनाधिकृत पार्किंग बेच रहे हैं और कहीं सोसायटी में बिना परमिशन की मार्केट बना कर बेच रहे हैं।
4- रियल एस्टेट बिल रेरा जैसा केंद्र सरकार ने ड्राफ्ट किया था वही उप्र में लागू किया जाए।
5- बिल्डरों ने बिल्डिंग निर्माण में बहुत ही घटिया सामग्री का निर्माण किया है, आए दिन किसी सोसायटी में छज्जा गिर जाता है किसी में छत का प्लास्टर गिर जाता है, यह जांच कराना अति आवश्यक है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, सरकार यह भी जांच कराए कितनी सोसायटी भूकंप रोधी नियम कानून के तहत है।
6- नेफोमा सरकार से मांग करती है कि पिछली सरकार में प्राधिकारण में चल रहे बिल्डर और अधिकारियो के बीच के गोरखधंधे पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्यवाही करें व तीनो प्राधिकरण की सीबीआई जांच कराएं।


