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बुनियादी सुविधाओं के बगैर रहने को मजबूर निवेशक

 सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें बिल्डर के वादे के चार वर्ष बाद भी फ्लैट पर पजेशन नहीं मिला है। जिन्हें पजेशन मिला है, वह एक तरह से अवैध रूप से रह रहे हैं क्योंकि जिन फ्लैटों का पजेशन निवेशकों को दिया गया

बुनियादी सुविधाओं के बगैर रहने को मजबूर निवेशक
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नोएडा। सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें बिल्डर के वादे के चार वर्ष बाद भी फ्लैट पर पजेशन नहीं मिला है। जिन्हें पजेशन मिला है, वह एक तरह से अवैध रूप से रह रहे हैं, क्योंकि जिन फ्लैटों का पजेशन निवेशकों को दिया गया है, उन फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हो सकी है। उनकी जान मुसीबत में है। बिजली लगातार गुल होती है, लिफ्ट अटक जाती है। पार्किंग में वैंटीलेशन नहीं है। फायर फाइटिंग के उपकरण काम नहीं कर रहे। कुछ इस तरह की समस्याएं उठाते हुए कई निवेशक उग्र हो गए। सवालों का जवाब पाने के लिए गुरुवार को सेक्टर-45 स्थित आम्रपाली स्फायर व सेक्टर-50 आम्रपाली इेडन पार्क के निवेशक इंदिरा गांधी कला केंद्र पहुंचे। उन्होंने बिल्डर व प्राधिकरण के समक्ष अपनी समस्या रखी।

नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब 50 निवेशक बैठक में पहुंचे। प्रोजेक्ट के बिल्डर के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा व शिवप्रिया प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक की शुरुआत में जब निवेशकों ने अपनी समस्याएं रखीं और बिल्डर प्रतिनिधि ने जवाब देना शुरू किया, तो निवेशकों का पारा हाई हो गया। निवेशकों ने एक सुर में कहा कि बिल्डर अगर मौजूद है, तो वहीं जवाब दें। इस बात को लेकर भी काफी देर पर गहमा-गहमी का माहौल रहा। अंत में बिल्डर निवेशकों को जवाब देने शुरू किए। लेकिन आधी अधूरी तैयारियों व जवाब के साथ पहुंचे बिल्डर को प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने फटकार लगाते हुए अगली बैठक में पूरे जवाब व भी लिखित में लाने को कहा।

ज्यादातर निवेशक की समस्या पजेशन को लेकर थी। इस पर प्राधिकरण ने बिल्डर से टावर वाइस जानकारी मांगी गई। साथ बायर्स को अवगत कराया गया कि नई पीएसपी पालिसी के तहत कार्यवाही कर फ्लैटों की रजिस्ट्री तुरंत शुरू की जाए। साथ ही बायर्स ने बीबीए का हवाला देते हुए बिल्डर से लेट पेनाल्टी की मांग की। जिस पर बिल्डर ने उन्हें आश्वस्त किया कि अभी कुछ लोगों को पेनाल्टी दी गई है। सभी को दी जाएगी। उधर, बायर्स ने घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप लगाया।

प्राधिकरण ने नियोजन विभाग को मौके पर जाकर निर्माण सामग्री, ले आउट प्लान व अवैध निर्माण जांचने के निर्देश दिए। वहीं, बिल्डर को कंस्ट्रक्शन कास्ट टावर वाइस निवेशकों से ली गई रकम, बिल्डर द्वारा प्राधिकरण पर बकाया रकम आदि के लिए वित्तीय स्थिति का पूरा ब्यौरा जमा करने को कहा गया। ताकि इसका फोरेंसिक आडिट कराया जा सके। यही नहीं मौके पर जाकर फायर उपकरण, पानी , सीवर व ग्री एरिया की पूरी जांच करने के निर्देश भी दिए।

निवेशकों ने बिल्डर से कंपाउंड में मूलभूत सुविधा जैसे विडियो फोन, स्केटिंग लेन, सैंडपिक वाटर साफ्टनर प्लांट, पार्किंग वेंटीलेशन आदि जो भी प्लान में था उसे पूरा किए जाने की शिकायत की। जिस पर बिल्डर ने उन्हें आश्वस्त किया। कुछ निवेशक ने कॉमन मैनटेनेंस व सिक्यूरटी पर भी सवाल उठाए जिस पर बिल्डर ने उनके साथ मिलकर एस्क्रो खाता खुलवाने की बात कहीं।
फिलहाल एसीईओ ने बिल्डर को दस दिनों के अंदर बायर्स की स•ाी समस्या का हल, वित्तीय स्थिति का पूरा लेखा जोखा लिखित में प्राधिकरण में जमा करने को कहा है।


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