इंवेस्टर्स समिट लोकसभा चुनाव के लिए जुमलेबाजी : माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 'यूपी इन्वेस्टर्स समिट' को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है

लखनऊ। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 'यूपी इन्वेस्टर्स समिट' को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने इंवेस्टर्स समिट को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की जुमलेबाजी करार दिया है।
पार्टी राज्य परिषद का कहना है कि भाजपा सरकार ने देश के बड़े पूंजीपतियों के सहारे उप्र के विकास का जो शोर मचाया है, उसकी हकीकत कुछ और है। वास्तव में यह 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जुमलेबाजी है। इसका मकसद जनता को सब्जबाग दिखाना और भ्रमित करना है।
पार्टी के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास की बुनियाद कृषि है। कृषि का विकास, छोटे उद्योग धंधों तथा दस्तकारी का विकास और गांवों की सड़कों का विकास। लेकिन इंवेस्टर्स समिट में उद्योगपतियों के जमावड़े से ऐसी कोई संभावना नहीं निकलती हुई दिखाई देती।
उन्होंने कहा कि विकास के जिस मॉडल से योगी सरकार तथा मोदी सरकार गदगद है, वह पीपीपी या निजी क्षेत्रों पर आधारित मॉडल है। इसका मतलब है, सरकार जनता के पैसे से सारा इंतजाम करेगी और मुनाफा अंबानी, अडानी जैसे लोग कमाएंगे।
यादव ने कहा कि यह प्रदेश के अनौपचारिक एवं असंगठित कारोबार, खेती एवं किसानों को और संकट में डालने की कोशिश है। कारपोरेट घरानों को किसानों की जमीन दी जाएगी, जिससे किसानों की तबाही और बढ़ेगी। माकपा का कहना है कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से जन असंतोष बढ़ रहा है, जिसको ठंडा करने के लिए झूठे वादे किए जा रहे हैं।


