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उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से आएगा 75,000 करोड़ का निवेश

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शुक्रवार से दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शुरू हो रहा है

उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से आएगा 75,000 करोड़ का निवेश
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उज्जैन। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शुक्रवार से दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शुरू हो रहा है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 75 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आने की संभावना जताई जा रही है।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक मार्च को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, विक्रमोत्सव और विक्रम व्यापार मेले का शुभारंभ करेंगे। मुख्य कार्यक्रम उज्जैन जिले के कालिदास अकादमी में आयोजित किया जायेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना अंतर्गत लाडली बहनों को राशि का भी वितरण करेंगे।

इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में जो प्रोजेक्ट आ रहे हैं, वह प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, इंदौर सहित 20 जिलों में हैं। इन 56 प्रोजेक्ट्स से 75 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आएगा, जिससे 17,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 35 कंपनियों से 74,711 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। यह आंकड़ा कॉन्क्लेव तक और बढ़ेगा।

कॉन्क्लेव में 800 से अधिक इन्वेस्टर्स शामिल होंगे। साथ ही 30 फॉरेन डेलिगेट्स भी सहभागिता करेंगे। कॉन्क्लेव में बड़े उद्योगपतियों को आमंत्रित करने और बड़े एमओयू साइन करने की बजाय सरकार का फोकस है कि ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट्स धरातल पर उतारा जाए। इसी रणनीति के तहत सरकार ऐसी कंपनियों और इंडिविजुअल इन्वेस्टर को प्राथमिकता दे रही है जो तुरंत निवेश के लिए तैयार हों।

कॉन्क्लेव में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बायर-सेलर मीट पर फोकस किया जा रहा है। अभी तक 3,200 से ज्यादा यूनिट्स ने बायर-सेलर मीट में रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके जरिए प्रदेश के उत्पादकों, कृषि उत्पादों, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट्स को वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे। इससे निवेशक सीधे अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख सकेंगे। प्रदेश की औद्योगिक नीति के बारे में विस्तार से चर्चा करने और उद्योगपतियों को जानकारी प्रदान करने के लिए पांच सेक्टोरियल सेशन भी होंगे। इसमें विषय विशेषज्ञ उद्योगपतियों को प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य और नीतियों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।


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