Top
Begin typing your search above and press return to search.

सृजन घोटाले की जांच निवेशकों पर पड़ेगी भारी

 1300 करोड़ रुपए के सृजन घोटाले की जांच अब नोएडा तक पहुंच चुकी है

सृजन घोटाले की जांच निवेशकों पर पड़ेगी भारी
X

नोएडा। 1300 करोड़ रुपए के सृजन घोटाले की जांच अब नोएडा तक पहुंच चुकी है। शहर की गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड के घोटाले से जुड़े होने अहम सबूत मिले है। सीबीआई की टीम जल्द ही गार्डेनिया के मालिकों से पूछताछ कर सकती है। पूरा मामला निवेश से जुड़ा हुआ है। जाहिर है यदि सीबीआई कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों को खंगालती है तो इसका सीधा असर सैकड़ों निवेशकों पर पड़ेगा।

दरसअल, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड द्वारा प्रतिदिन कंपनी के खाते में 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए जमा किए गए। स्वरोजगार की आड़ में यह सरकारी पैसा बड़े-बड़े परियोजना में लगाने के लिए नोएडा भेजा गया। जिसका प्रयोग गार्डेनिया मालिकों ने अपनी परियोजना में किया। इस मामले की पूरी जांच सीबीआई हाथों में पहुंच चुकी है। बैंक खातों से भी वित्तीय लेनदेन की जानकारी मिली। ऐसे में सीबीआई की एक टीम गार्डेनिया के मालिकों से पूछताछ कर सकती है। गार्डेनिया के नोएडा में चार परियोजना है। जिसमे एक परियोजना सेक्टर-51 गार्डेनिया ग्रेंड इसका निर्माण पूरा किया जा चुका है।

इसके अलावा सेक्टर-46 में गार्डेनिया ग्लोरी, सेक्टर-75 में गार्डेनिया इकोसिटी व गार्डेनिया गेटवे है। जिसमे गार्डेनिया गेट-वे परियोजना रेरा के तहत पंजीकृत है। साथ ही सेक्टर-75 में एक परियोजना जल्द ही लांच किया जाने वाला है। सभी परियोजना के तहत कुल 1500 ज्यादा निवेशक है। जिनको अभी तक मकान नहीं मिला है। कारण परियोजनाओं को पूरा नहीं होना बकाए की वजह से प्राधिकरण द्वारा अधिभोग प्रमाण पत्र जारी नहीं होना है। ऐसे में यदि सीबीआई बिल्डर के वित्तीय दस्तावेजों की जांच करती है तो चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लग सकती है। ऐसे में निवेशकों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

प्राधिकरण पर 34.39 करोड़ रुपए बकाया

प्राधिकरण के डिफाल्टर सूची में गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड शामिल है। बकाया राशि के मामले में गार्डेनिया की नाम 35वें नंबर है। कंपनी का प्राधिकरण पर 34.39 करोड़ रुपए बकाया है। यह बकाया 31 मार्च 2016 तक का है। जिसकी वसूली के लिए प्राधिकरण ने कंपनी को नोटिस जारी किया है। वहीं, जब तक कंपनी बकाया नहीं जमा करता तब तक प्राधिकरण कंपनी को अधिभोग प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। गार्डेनिया के अधूरी परियोजना में करीब 1500 निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। निवेशकों की माने तो उन्होंने करीब 75 से 80 प्रतिशत तक पैसा बिल्डर के खाते में जमा किया हुआ है। बावजूद इसके त्रिपीय बैठक, सड़क पर उतरने के बाद भी निवेशकों को मकान नहीं मिला। ऐसे में यदि सृजन घोटाले की जांच नोएडा पहुंचती है गार्डेनिया के साथ निवेशकों को मकान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it