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वाणिज्यिक विवाद घटाने को विधेयक पेश

देश में 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' में सुधार के लिए सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया, जिसका लक्ष्य मौजूदा वाणिज्यिक विवाद के निर्दिष्ट मूल्य को 1 करोड़ से घटाकर 3 लाख करना है

वाणिज्यिक विवाद घटाने को विधेयक पेश
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नई दिल्ली। देश में 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' में सुधार के लिए सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया, जिसका लक्ष्य मौजूदा वाणिज्यिक विवाद के निर्दिष्ट मूल्य को 1 करोड़ से घटाकर 3 लाख करना है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वाणिज्यिक न्यायालय, वाणिज्यिक प्रभाग और वाणिज्यिक अपीलीय विभाग उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2018, पेश किया। यह इस साल की शुरुआत में सरकार द्वारा लाए गए एक अध्यादेश को वापस लेने के लिए है।

यह विधेयक जिला न्यायाधीश स्तर पर उन क्षेत्रों के लिए वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना का प्रदान करता है, जो संबंधित उच्च न्यायालयों के क्षेत्राधिकार में हैं।

इस विधेयक में वाणिज्यिक अदालत अधिनियम 2015 में संशोधन करने का और वाणिज्यिक विवाद के निर्दिष्ट मूल्य को वर्तमान के 1 करोड़ रुपये से घटाकर 3 लाख रुपये करने का प्रावधान है, जिससे दोनों पक्ष विवाद के त्वरित समाधान के निचली अदालतों में जा सकें।

अधिकारियों ने कहा कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वाणिज्यिक विवाद काफी तेजी से बढ़े हैं। बढ़ते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी वाणिज्यिक लेनदेन के कारण वाणिज्यिक विवाद तेजी से बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक विवादों के निर्दिष्ट मूल्य कम से करने से ऐसे विवादों का समाधान तेजी से हो सकेगा और ईज ऑफ टुइंग बिजनेस के मामले में देश की रैंकिंग बढ़ेगी।


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