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इमरान खान और उनकी पत्नी को तोशाखाना मामले में 17 साल जेल

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना जांच से जुड़े एक अन्य मामले में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई है. हालांकि, उनके मौजूदा कारावास की अवधि को भी इस सजा के वर्षों में गिना जाएगा

इमरान खान और उनकी पत्नी को तोशाखाना मामले में 17 साल जेल
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना जांच से जुड़े एक अन्य मामले में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई है. हालांकि, उनके मौजूदा कारावास की अवधि को भी इस सजा के वर्षों में गिना जाएगा.

एक पाकिस्तानी अदालत ने शनिवार, 20 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 17 साल की कड़ी सजा सुनाई है. यह तोशाखाना जांच से जुड़ा एक अन्य मामला है, जिसमें उन पर देश को मिले उपहारों की खरीद में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था. इस फैसले का ऐलान अडियाला जेल, रावलपिंडी की विशेष अदालत ने किया. इमरान खान फिलहाल इसी जेल में बंद हैं. 17-17 साल की जेल की सजा के अलावा इमरान खान और बुशरा बीबी पर 1.64 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

यह मामला क्या है?

पाकिस्तान में तोशाखाना प्रणाली के तहत, विदेशों से मिलने वाले उपहार देश के खजाने में जमा कराने या उचित मूल्य पर खरीदने का नियम है. आरोप है कि इमरान खान और बुशरा बीबी ने 2021 में सऊदी क्राउन प्रिंस से मिले बुलगारी आभूषण सेट को बेहद कम कीमत पर खरीदा. अभियोजकों के मुताबिक, इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने करीब 3,80,000 यूरो मूल्य के सेट को मात्र लगभग 29 लाख पाकिस्तानी रूपए में हासिल कर लिया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों पाकिस्तानी रुपये की हानि हुई.

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फैसला सुनाने वाले जज शाहरुख अर्जुमंद ने दोनों को विश्वासघात के जुर्म में 10-10 साल की कठोर कारावास की सजा और भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई. बुशरा बीबी को महिला होने के आधार पर मामूली राहतें दी गई हैं.

हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

इमरान खान और बुशरा बीबी की तरफ से वकीलों ने तुरंत हाई कोर्ट में अपील की बात कही है. उनका कहना है कि यह मुकदमा "राजनीतिक रूप से प्रेरित” और "बिन आधार” है.

पाकिस्तान के लिए क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली टीम के कप्तान रहे इमरान खान 2018 से 2022 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. राजनीति में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ (पीटीआई) ने बेहद लोकप्रियता बटोरी, लेकिन अप्रैल 2022 में उन्हें एक ‘नो कॉन्फिडेंस‘ वोट ने सत्ता से बेदखल कर दिया. तब से वे कई मामलों का सामना कर रहे हैं, जिसमें यह तोशाखाना मामला भी शामिल है.

इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले को राजनीतिक हमला बताया है और आरोप लगाया कि सेना और विपक्ष ने मिलकर उन्हें राजनीति से दूर करने की साजिश रची. आदेश सुनाते हुए अदालत ने कहा है कि जुर्माना ना देने पर जेल की सजा बढ़ जाएगी. फिलहाल पीटीआई के समर्थक पाकिस्तान में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.


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