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देश में अंतरराष्ट्रीय प्राणि उद्यान जल्द खुलेगा

अफ्रीकी एवं यूरोपीय देशों की तरह देश में एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय प्राणि उद्यान जल्द अस्तित्व में आने वाला है

देश में अंतरराष्ट्रीय प्राणि उद्यान जल्द खुलेगा
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नैनीताल। वन्य जीवों के शौकीनों के लिये एक अच्छी खबर है। अफ्रीकी एवं यूरोपीय देशों की तरह देश में एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय प्राणि उद्यान जल्द अस्तित्व में आने वाला है जहां न केवल वन्य जीव सफारी होगी बल्कि विदेशी जीव जंतु भी आकर्षण का केन्द्र होंगे।

पांच सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्राणि उद्यान में आधुनिक अस्पताल भी होगा जहां जानवरों के इलाज के साथ- साथ पहली दफा सर्जरी की भी व्यवस्था होगी।

अलग-अलग प्रकृति के जीवों को अलग-अलग खंडों में रखा जायेगा। मांसाहारी व शाकाहारी जीवों को अलग अलग खंडों में रखा जाएगा। यही नहीं, यहां पक्षियों की भी अलग दुनिया होगी।

हल्द्वानी के गौलापार में 412 हेक्टेयर में बनाया जा रहा यह प्राणि उद्यान इसलिये भी अपनी तरह का पहला अंतराष्ट्रीय प्राणि उद्यान होगा कि यह कार्बन न्यूट्रल जू होगा। यह संपूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधनों से निर्मित होगा।

प्रकाश और ऊर्जा के लिए पवन अौर सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा। इसको इस तरह से डिजायन किया गया है कि यहां से कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो और जानवरों तथा पर्यटकों को यहां साफ सुथरा वातावरण मिल सके। इसके लिये यहां उसी प्रकार की तकनीक इस्तेमाल की जाएगी और संयत्र लगाये जाएंगे। वन्य जीवों के वासस्थल सीमेंट और कंक्रीट की बजाय लकड़ियों एवं हरित प्रणाली से तैयार किये जाएंगे।

इस प्राणि उद्यान में पर्यटकों के मनोरंजन के लिये कई तरह की सुविधाएं होंगी। इसके बीचो बीच 5.5 एकड़ में कृत्रिम झील का निर्माण भी किया जा रहा है जहां पर्यटक नौकायन का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके अलावा मोनो रेल और बच्चों के लिए टाॅय ट्रेन भी संचालित की जाएगी। वन्य जीवों के अलावा उद्यान का आकर्षण का केन्द्र यहां बनने वाला जैव विविधता पार्क और जुरासिक पार्क भी होगा।

बच्चों के मनोरंजन के लिये चिल्ड्रन पार्क एवं घूमने के शौकीनों के लिये जाॅगिंग पार्क अलग से तैयार किया जाएगा। पर्यटक इस प्राणि उद्यान में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरणों की अलग-अलग सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। सबसे बड़ी बात यह कि देश के अन्य प्राणि उद्यानों की तरह यहां वन्य जीव कैद नहीं रहेंगे। वे विचरण करते रहेंगे।

यहां देशी वन्य जीवों के साथ आस्ट्रेलियाई, अमेरिकी और यूरोपीय वन्य जीव भी देखने को मिलेंगे और इनके लिये अलग अलग जोन बनाये जायेंगे। पक्षियों और रेंगने वाले जीवों का भी यहां अपना अलग संसार होगा। खासकर सांप और मगरमच्छों की अलग दुनिया होगी। साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अलग से वृहद ब्रीडिंग सेंटर भी तैयार किया जा रहा है।

प्राणि उद्यान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि प्राणि उद्यान अलग-अलग चरणाें में बनाया जाएगा और यह दो साल के अंदर अस्तित्व में आ जाएगा।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले वन्य जीवों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए आधुनिक सुविधाओं वाला अस्पताल बनाया जा रहा है जिसमें छोटे-बड़े हर जीव का इलाज किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर आधुनिक तरीके से सर्जरी भी की जा सकेगी। इसके साथ ही एक रेस्क्यू सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की ओर से इन दोनों सेंटर को बनाने के लिए साढ़े ग्यारह करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।


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