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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में कोलकाता, मुंबई से आकर कर रहे हैं वेतन पर 'चोरी का व्यापार’

दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपराधियों का भी ''व्यापार’’चल रहा है। अनुभवी कर्मियों की भर्ती की गई है

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में कोलकाता, मुंबई से आकर कर रहे हैं वेतन पर चोरी का व्यापार’
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नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपराधियों का भी ''व्यापार’’चल रहा है। अनुभवी कर्मियों की भर्ती की गई है और इसके लिए बजाप्ता दिल्ली के साथ साथ मुंबई, कोलकाता, झारखंड के जेबतराशों, मोबाइल चोरों को नौकरियां दी गई हैं। इन्हें इनकी योग्यता, अनुभव के मुताबिक 20 हजार रूपए से 30 हजार रूपए तक का वेतन दिया जा रहा है। इधर भीड़ बढऩे के साथ ही जेब तराशी, फोन चोरी वारदातों में भी इजाफा हो गया है। इन चोरों के गैंग भीड़ में हाथ साफ करते हैं और 'अनभुवी रिसीवर’तुरंत मेले के बाहर अपने सुपरवाइजर को 'सामान’सौंप देता है।

हालांकि इनके लिए सबसे बड़ा खतरा सीसीटीवी से हो रही निगरानी है और इसके चलते ही अब तक करीबन डेढ़ दर्जन चोर पकड़े जा चुके हैं। चोरों की नजर सबसे पहले उन महिलाओं पर होती है जो शॉपिंग, सैर सपाटे में अपने बैग, फोन की सुरक्षा के प्रति चौकन्नी नहीं होती। मौका देखते हुए ही ये अपने शिकार पर हाथ साफ करते हैं और फिर पर्स, मोबाइल, पैसे वहीं खड़े दूसरे साथी को दे देते हैं। यह साथी बरामदगी से बचने के लिए तुरंत मेले को छोड़ कर बाहर किसी वाहन में मौजूद अपने वरिष्ठ सुपरवाइजर को यह सामान सौंप देता है। हालांकि तीसरी आंख से सुरक्षा को दुरूस्त करने का भरोसा तो जताया जा रहा है लेकिन व्यापार मेले में चोरों का यह व्यापार भी जोरों से चल रहा है।

ताजा मामला एक बुजुर्ग पाकिस्तानी महिला का पर्स चोरी हो गया पुलिस इसके बाद सक्रिय हुई और धरपकड़ तेज कर दी गई। यह बात दीगर है कि हालांकि एक अन्य मामले में एक बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के साथ पहुंची थी और उसका पर्स चोरी हो गया लेकिन शिकायत के कुछ देर बाद ही महिला का बैग उसके पास वापस मिल गया। महिला को जैसे ही उसका पर्स वापस मिला उसके खुशी से आंसू निकल आए। महिला को उसके पैसे के साथ साथ मोबाइल भी मिल गया। चोरी को ध्यान में रखते हुए ही इस बार 160 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों सहित कुल करीबन 300 कैमरे लगवाए गए हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक करीबन डेढ़ दर्जन मामलों में 14 से अधिक अपराधियों की धरपकड़ की गई। इनमें से कई अपराधी देखने में जहां संभ्रांत परिवारों के पढ़े लिखे दिखे तो उन्होंने बताया कि वे मुंबई, कोलकाता व झारखंड से आकर वेतन पर चोरियां कर रहे हैं। पुलिस अब इनके गिरोह के सरगना तक पहुंचने में जुटी है।


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