आतंकवाद पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को हरियाणा के मानेसर में एनएसजी द्वारा 'आतंकवाद की उभरती रूपरेखा तथा आईईडी के खतरे की समझ' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को हरियाणा के मानेसर में एनएसजी द्वारा 'आतंकवाद की उभरती रूपरेखा तथा आईईडी के खतरे की समझ' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि वैश्विक समुदाय के लिए एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध एक संयुक्त मोर्चा तैयार करने की जरूरत है, क्योंकि यह एक साझा शत्रु है। विश्व के सभी देश आर्थिक एवं सामाजिक नुकसान को झेलते हुए इस त्रासदी का सामना कर रहे हैं।
रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में भारत ने 'आतंकवाद बर्दाश्त नहीं' की नीति के प्रति संकल्प तथा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। इस सकारात्मक नीति से वास्तव में देशभर में वामपंथी उग्रवाद में कमी हुई तथा कई आतंकवादी संगठन नष्ट हो गए।
उन्होंने कहा कि हमें अगली पीढ़ी के युद्ध के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी तथा उन्नत हथियारों से सुसज्जित होने की जरूरत है क्योंकि आतंकवादी संगठन भी बदलते परिदृश्य में खुद को बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील हैं। ऐसे अराजक तत्वों द्वारा उत्पन्न विषम चुनौतियों पर ध्यान देना हमारे लिए जरूरी है।
रेड्डी ने कहा कि इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए आईईडी की पहचान तथा रोकथाम की उन्नत प्रणाली विकसित करना महत्वपूर्ण बन गया है। ऐसे हमलों को रोकने में हमारे लिए रणनीति तथा क्षमता के विकास की जरूरत है।
उन्होंने दोहरी रणनीति अपनाने पर जोर दिया, जिसमें आतंकवाद से निपटने पर एक सकारात्मक तथा पहले हमला करने की रणनीति हो न कि बाद में और दूसरी यह कि आतंकवाद को अलग-थलग करने तथा सभी प्रकार का समर्थन बंद करने के लिए वैश्विक सहमति हो।
इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री ने काउंटर-आईईडी इनोवेटर पुरस्कार प्रदान किए तथा 'द बॉमशेल' के 30वें संस्करण का विमोचन भी किया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए एनएसजी के महानिदेशक अनूप कुमार सिंह ने कहा कि भारत तथा विश्व के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को न केवल आतंकवादी संगठनों से समर्थन मिलता है, बल्कि देश की सीमा के बाहर वाले संगठनों द्वारा भी उन्हें पोषित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने विचारों को साझा करेगा और आतंकवाद की त्रासदी से निपटने के लिए एक मार्ग-निर्देश तैयार करेगा।
दो दिनों तक चलने वाले इस समारोह में सामूहिक परिचर्चा के दौरान 'आतंकवाद से मुकाबला तथा आईईडी से मुकाबला' विषय पर विविध परिदृश्यों को शामिल किया जाएगा। अनेक देशों के प्रतिनिधि, विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा सुरक्षा अधिकारी एवं अन्य हितधारक सेमिनार में हिस्सा ले रहे हैं।


