केन्द्रीय विवि में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 15 से 17 अक्टूबर तक
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय 15 अक्टूबर से भारत नवोन्मेष (वैभवशाली अतीत से आधुनिक अभ्युदय तक) विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय 15 अक्टूबर से भारत नवोन्मेष (वैभवशाली अतीत से आधुनिक अभ्युदय तक) विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 15-17 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली तीन दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर होंगे। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में 20 से अधिक देश-विदेश के लब्ध प्रतिष्ठित एवं प्रख्यात विद्वान वक्ता व्याख्यान देंगे। इनमें विदेशों से शामिल होने वाले वक्ताओं में शामिल हैं-
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में फ्रांस के प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पत्रकार फ्रांसियस गोयटिर मुख्य वक्ता के रूप शामिल हो रहे हैं।
गोयटिर का जन्म 1959 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ। वे फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ कल्चरल टाइज से जुड़े हैं। श्री गोयटिर की राजनीति, हिंदू अधिकारों एवं हिदूत्व एवं भारतीय इतिहास विषयों में रुचि होने की वजह से उन्होंने इससे जुड़े मुद्दों पर कार्य किया है। गोयटिर को भारत में अपने लेखों के लिए पांचजन्य नचिकेता सम्मानएवं बिपिनचंद्र पॉल सम्मान से सम्मानित किया गया है। श्री गोयटिर, महाराष्ट्र के पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज संग्राहलय के संस्थापक हैं। यह निजी संग्रहालय है जहां भारतीय पुरातनकाल के दर्शन होते हैं।
21 सितंबर 1950 में अमेरिका में जन्मे डेविड फ्रावले को भारत में वामदेव शास्त्री के नाम से जाना जाता है। 1991 में आध्यात्म के जानकार अवधुता शास्त्री ने उन्हें वामदेव शास्त्री का नाम दिया। भारत सरकार ने देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से 26 जनवरी 2015 को वामदेव शास्त्री को सम्मानित किया।
वामदेव जी की वेद, सनातन धर्म, योग, आयुर्वेद एवं वैदिक ज्योतिषों पर भारत एवं अमेरिका में 30 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वामदेव शास्त्री न्यू मैक्सिको के सेंटा फे में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक स्टेडिज के संस्थापक एवं निदेशक हैं जो योग, दर्शन, आयुर्वेद एवं वैदिक ज्योतिष पर शिक्षा देने का काम करता है।
एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट, ग्लोबल इंडियंस फॉर भारत विकास, एडिसन, न्यूजर्सी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट की डिग्री रखने वाले वैष्णव करीब ने 38 साल तक अमेरिका में विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।


