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जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट की 14वी बरसी पर ट्रेनों में सघन चेकिंग

 उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट की 14वी बरसी पर ट्रेनों में सघन चेकिंग की जा रही

जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट की 14वी बरसी पर ट्रेनों में सघन चेकिंग
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जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट की 14वी बरसी पर ट्रेनों में सघन चेकिंग की जा रही है।

श्रमजीवी बम काण्ड की बरसी के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सभी ट्रेनों की जांच की जा रही है। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी एवं पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र ने एहतियात तौर पर जिले के सभी रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि दहशत फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा सके । जौनपुर से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर पुलिस विभाग पैनी नजर रहै ।

आज से 14 साल पहले हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस पर हुए आतंकवादी हमले के सभी आरोपी आतंकी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आये हैं और तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के आश्वासन के बावजूद हादसे में मरने वालों के परिजन अभी भी रेलवे में नौकरी मिलने की बाट जोह रहे हैं।

गौरतलब है कि 28 जुलाई 2005 को पटना से चलकर नई दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे में यात्रा कर जौनपुर जिले के हरपालगंज (सिंगरामउ) एवं कोइरीपुर (सुल्तानपुर) रेलवे स्टेशनो के बीच हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग पर श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए भीषण बम विस्फोट में 14 लोग मारे गये और करीब 90 लोग घायल हो गये थे। इस बम विस्फोट में शैफफैजल, कुनाल, सुधीर कुमार, परमशिला , विनोद, रविदास, कमालुद्दीन, सुबास ठाकुर, कुमारी कविता, सुबोध बढ़ई, अरविन्द सिंह, संतोष, दिगम्बर चौधरी, सफीक उर्फ डब्बू और अमरनाथ चौबे की जाने गयी थी।

बम विस्फोट के पीछे आतंकवादी ओबैदुर्रहमान उर्फ बाबूूभाई (बंगलादेश) नफीकुल विशवास (मुर्शीदाबाद), सोहाग खान उर्फ हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन (बंगलादेश् ), मोहम्मद आलमगिर उर्फ रोनी (बंगलादेश्), डाक्टर सईद और गुलाम राजदानी का हाथ होने के बारे में पता चला था। इसमें से डाक्टर सईद का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है जबकि एक आरोपी गुलाम राजदानी उर्फ याहिया को मुठभेड़ में मारा जा चुका है। इस घटना को अंजाम देने की योजना राजशाही बांग्लादेश में बनी थी ।

इस घटना में शामिल रहे अन्य आतंकवादीयों में से मोहम्मद शरीफ अभी फरार चल रहा है, उसकी गिरफ्तारी के लिए इण्टरपोल की मदद ली जा रही है। इस मामले में पुलिस ने पहले तीन आरोपी आतंकी ओबैदुर्रहमान, हिलालुद्दीन और नफीकुल विश्वास को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2007 में दिल्ली में मो0 आलमगीर उर्फ रोनी को गिरफ्तार किया था । उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है वही से पेशी पर जौनपुर लाया जाता था।

मामले की सुनवाई जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश् (प्रथम) बुधि राम यादव कर रहे थे । जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव ने इस मामले में दो आरोपी आतंकवादियों आलमगीर उर्फ रोनी को 30 जुलाई 2016 और ओबेदुर्रहमान उर्फ बाबू भाई को 31 अगस्त 2016 को फांसी की सजा और 10 -10 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई , बाकी दो आरोपी आतंकवादियों नफीकुल विश्वास एवं हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल के मामले में सुनवाई अब भी जारी है।

दौरान परीक्षण दो आरोपियों नफीकुल विशवास एवं हिलालुद्दीन को एक अन्य मुकदमे के सिलसिले में हैदराबाद भेजा गया था,इसलिए इस समय केवल दो आरोपियो ओबैदुर्रहमांन और आलमगीर के विरुद्ध ही जौनपुर में कार्रवाई हो रही थी ।


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