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ईवीएम जांच के लिए मशीन निर्माता कंपनी के इंजीनियरों को बुलाने के निर्देश

मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्ट्रांग रूम में रखी गई

ईवीएम जांच के लिए मशीन निर्माता कंपनी के इंजीनियरों को बुलाने के निर्देश
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खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम जलने के मामले में गठित जांच समिति के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने पर अब मशीन निर्माता कंपनी के इंजीनियरों को बुलाये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला कलेक्टर अनुग्रह पी ने बताया कि घटना के बाद गठित 5 सदस्य जांच दल तथा इंदौर से आए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा ईवीएम जलने के बारे में निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने पर अब जांच के लिए मशीन निर्माता कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ बुलाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट को सीसीटीवी फुटेज के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। कुछ ईवीएम के जलने के अलावा शेष मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं।

उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम कहीं से क्षतिग्रस्त नहीं है, साथ ही विद्युत प्रवाह भी बंद पाया गया है। उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे सुचारू रूप से संचालित थे तथा 24 घंटे गार्ड्स की भी ड्यूटी लगी हुई थी।

जांच दल में शामिल खरगोन के एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि घटना के चलते एक ही लाइन में रखे हुए 10 वीवीपैट, 7 कंट्रोल यूनिट तथा 8 बैलेट यूनिट जल गए हैं। इसके अलावा पूरे स्ट्रांग रूम में धुएं की काली परत मशीनों पर जमा हो गई थी। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनावों में पराजित उम्मीदवार कांग्रेस के डॉक्टर गोविंद मुजाल्दे द्वारा परिणाम आने के 45 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दिए जाने के चलते खरगोन विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 185 की 272 मशीनों को रिजल्ट सेक्शन वाले कंट्रोल यूनिट में बैटरी समेत सील करके स्ट्रांग रूप में भंडारित कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि यदि याचिका नहीं लगाई जाती तो मशीनों को कलेक्ट्रेट स्थित वेयरहाउस में रख दिया जाता। उन्होंने बताया कि घटना की तड़के 2 बजकर 54 मिनट पर स्ट्रांग रूम से हल्का धुंआ देखा गया था, जो थोड़ी देर बाद बंद हो गया था, किंतु सुबह 10 बजे पुनः दो धमाकों के साथ धुआं निकलने लगा था और समस्त राजनीतिक दलों की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम की सील खोल कर प्रवेश किया गया था।

उन्होंने बताया कि ईवीएम की डिजाइनिंग इस तरह से की गई है कि उसमें जलने की घटना नहीं हो सकती। 7 अक्टूबर को हुई आगजनी की घटना को लेकर कांग्रेस नेताओं ने साजिश का आरोप लगाया था।


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