पुलिस को नियमित प्रशिक्षण व व्यवहार सुधारने के उपराज्यपाल ने दिए निर्देश
उपराज्यपाल को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विशिष्ट अध्ययन सामग्री सीडी, प्रशिक्षण फिल्मों, सूचनात्मक आदि के रूप में विकसित की गई है

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कानून व्यवस्था की बैठक में दिल्ली पुलिस के प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने पेशेवर तरीके को बढ़ाने, व्यवहार में सुधार पर ध्यान देंने, विश्वविद्यालयों के साथ बेहतर तकनीकी संबंध बनाने के लिए सरंचित संबंधों को बढ़ाने और नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए। हालांकि पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पुलिस को विभिन्न संस्थाओं और संस्थानों से प्रशिक्षण के साथ साथ आईबी, सीबीआई, सीएफएसएल, एम्स इत्यादि के विशेषज्ञ प्रशिक्षक भी दिल्ली पुलिस कर्मियों के कौशल उन्यन के लिए कार्य कर रहे हैं।
उपराज्यपाल को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विशिष्ट अध्ययन सामग्री सीडी, प्रशिक्षण फिल्मों, सूचनात्मक आदि के रूप में विकसित की गई है। यह भी सूचित किया गया कि गृह मंत्रालय ने झडौंदा कलां स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल को आधुनिक बनाने के लिए 137.78 करोड़ रूण् की मंजूरी दी है जिसकी प्रस्तावित प्रशिक्षण क्षमता 2000 है।
बैठक में यह भी बताया गया कि जिला स्तर पर सहायक प्रशिक्षण इकाइयां शुरू की गई हैं और 30,000 प्रतिभागियों के साथ 640 पाठ्यक्रम आयोजित किए गए। उपराज्यपाल ने पुलिस बल के भीतर व्यवसायिकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर कौशल के साथ.साथ तनाव और प्रंबंधन के लिए कौशल को सुधारने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि खुफिया जांच, फौरंसिक, साइबर अपराध आदि ऐसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रोद्योगिकि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री बैजल ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि वह प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे आइआइआइटी दिल्ली, इंदिरा गांधी टैक्नीकल यूनिवर्सिटि आफ वूमन आदि के साथ संबंध स्थापित करें और उनसे मार्गदर्शन लें। साफ्ट स्किल और संचार कौशल में प्रशिक्षण के लिए प्रमुख निजी क्षेत्रों को शामिल करने का निर्देश दिया। साथ ही पुलिस की सेवाओं को जनता की सुविधा के अनुकूल बनाने के लिए मुख्य रूप से पीसीआर यूनिट एवं जनसुविधा डैस्क अधिकारियों के कम्युनिकेशन स्किल की महत्ता एवं जरूरत पर बल दिया है।
पुलिस आयुक्त ने सूचित किया कि वर्तमान में दिल्ली के विभिन्न थानों में 70 जनसुविधा डैस्क अधिकारी तैनात हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते रहें ताकि कौशल का विकास हो सके और उसका निरंतर उपयोग भी हो सके।


