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बिना कारण इस्तीफा लिए अधिकारियों को वापस रखने के निर्देश

लैंको प्रबंधन के द्वारा दो माह पूर्व अपने कुछ अधिकारियों को बर्खास्तगी की धमकी देकर एवं अनाधिकृत दबाव बनाकर उनका इस्तीफा लिया गया

लैंकों में सेवा शर्तों का उल्लंघन व मनमानी की शिकायत पर कलेक्टर सख्त
कोरबा। लैंको प्रबंधन के द्वारा दो माह पूर्व अपने कुछ अधिकारियों को बर्खास्तगी की धमकी देकर एवं अनाधिकृत दबाव बनाकर उनका इस्तीफा लिया गया। इससे प्रभावित अधिकारियों ने कलेक्टर से मिलकर प्रबंधन द्वारा किए जा रहे सेवा शर्तो का उल्लंघन व मनमानी की शिकायत की थी। जांच उपरांत कलेक्टर ने प्रभावित अधिकारियों को 3 दिन के भीतर काम पर रखने का निर्देश जारी कर की गई कार्रवाई से अवगत कराने का फरमान जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि लैंकों के प्रभावित वरिष्ठ अधिकारियों अपूर्व कुमार दास, हासिम सईद, आशीष शुक्ला, संजय राउत सहित 6 लोगों ने आरोप लगाया था कि प्रबंधन द्वारा उन्हें सेवा नियमों व शर्तों का उल्लंघन कर अवैध, मनमानी, स्वेच्छाकारी, अनाधिकृत, बर्खास्तगी की धमकी देकर व दबाव डालकर रेजिगनेशन लेटर (त्याग पत्र) लिखवाया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से विभाग के सेवा शर्तों के नियम 6 को नजरअंदाज किया जा रहा है। सेवाशर्तों के आज्ञापक प्रावधानों का पालन किये बिना, समुचित लिखित नोटिस दिये बिना, समुचित सुनवाई किये बिना, समुचित सुनवाई का अवसर दिये बिना, प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विपरीत, अवैध, अनुचित, विधि-विरूद्ध, स्वेच्छताकारी व मनमानीपूर्वक धमकी व दबाव देकर त्यागपत्र लेने व नो ड्यूज फॉर्म की कार्यवाही की गई है। यह भी बताया कि इस्तीफा देने के बाद उनके स्थान पर उक्त अधिकारियों ने अपने-अपने व्यक्तियों को पदस्थ कराया है।

इस्तीफा लेने का ईडी नहीं बता पाये कारण
संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई शिकायत पर कलेक्टर का प्रभार संभाल रहे जिला पंचायत सीईओ इंद्रजीत चंद्रवाल ने गंभीरता से लिया व जांच के निर्देश एसडीएम एनएस नैरोजी को दिए। एसडीएम ने अपनी जांच में शिकायत को सही पाया। इस शिकायत की जांच डिप्टी कलेक्टर सिम्मी नाहिद के द्वारा भी की गई। जांच के दौरान उपरोक्त अधिकारियों को नौकरी से निकाले जाने अथवा इस्तीफा लिए जाने के संबंध में कारण पूछे जाने पर पेेश हुए लैंको के ईडी संजय कुमार जैन कोई जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई कारण स्पष्ट किया। हालांकि दो माह पूर्व नोटिस जारी किए जाने की बात श्री जैन ने कही, किन्तु उक्त नोटिस को भी वे पेश नहीं कर पाये। इस तरह की गई कार्रवाई को पूरी तरह गलत पाया गया।

3 दिन के भीतर नौकरी पर रखने निर्देश
शिकायत की जांच प्रतिवेदन पेश किए जाने उपरांत कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने पाया कि उक्त अधिकारियों को बिना किस कारण और बिना कोई पूर्व सूचना दिए कार्य से निकाला गया है। शिकायतकर्ता अधिकारी अपूर्व कुमार ने बताया कि कलेक्टर ने 28 अक्टूबर को आदेश जारी कर तत्काल कार्य पर रखने व पूर्व का वेतन भुगतान करने के निर्देश दिए है। की गई कार्रवाई से 3 दिन के भीतर कलेक्टर के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने भी लैंको को कहा गया है। हालांकि इस आदेश के बाद अभी तक निकाले गए अधिकारियों को ज्वाईनिंग दी जा सकी है और न ही किसी तरह की सुगबुगाहट है।

धमकी देकर मानसिक रूप से कर रहे परेशान
शिकायतकर्ताओं में शामिल आशीष शुक्ला व संजय राउत ने दूसरी कंपनी ज्वाइन कर ली है जबकि शेष 4 लोग वापसी के इंतजार में है। इनमें 50 वर्षीय अपूर्व कुमार विभागीय आवास में रह रहे हैं जिन्हें मकान खाली करने लगातार धमकाया जा रहा है। पानी, बिजली का कनेक्शन काटने, प्रोविडेंट फंड से कटौती करने की भी धमकी मिल रही है। इन्होंने 7 साल तक कंपनी की सेवा की और लगभग ढाई साल की सर्विस बाकी है। कार्यावधि में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए इन्हें मैनेजर से सीनियर मैनेजर प्रमोट किया गया है। अपूर्व के मुताबिक वे पूरे लगन से इकाई के संचालन में कार्य करते रहे जिसका यह ईनाम मिला है। इनकी पीड़ा है कि इस उम्र दूसरी कौन कंपनी काम देगी। बेटी की पढ़ाई के लिए 3 लाख का एजुकेशन लोन भी लिया है जिसका भुगतान शेष है। यदि कंपनी को निकालना ही है तो वीआर योजना के अंतर्गत पूरा लाभ एक मुश्त दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार एक अन्य अधिकारी जिसके माता-पिता कैंसर जैसे असाध्य रोग से ग्रसित हैं, वे भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।


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