पनामा पेपर्स मामले में केंद्र सरकार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को आज आदेश दिया कि वह पनामा पेपर्स लीक मामले में चार सप्ताह के भीतर विभिन्न एजेंसियों की छह रिपोर्ट पेश करे।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को आज आदेश दिया कि वह पनामा पेपर्स लीक मामले में चार सप्ताह के भीतर विभिन्न एजेंसियों की छह रिपोर्ट पेश करे। न्यायालय ने वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा कि वह चार सप्ताह के भीतर इन रिपोर्टों को सीलबंद लिफाफे में उसके समक्ष पेश करे।
न्यायालय ने कहा कि सीलबंद लिफाफे में इन एजेंसियों की रिपोर्ट मिल जाने के बाद ही मामले की जांच का फैसला लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है। न्यायालय ने कहा कि पनामा पेपर लीक मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच का फैसला एजेंसियों से मिली रिपोर्ट को पढ़ने के बाद ही लिया जाएगा।
पनामा पेपर्स लीक के नाम से अमेरिका के कुछ खोजी पत्रकारों के एक संगठन ने कुछ अहम दस्तावेजों का खुलासा किया था। दस्तावेजों की गहरी छानबीन के बाद जांच में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा लगभग 140 राजनेताओं की छिपी हुई संपत्ति का खुलासा किया था।
पनामा के लॉ फर्म मोसैक फॉन्सेका से लीक हुए इन दस्तावेजों को लेकर दावा किया गया कि इनमें 500 भारतीय हस्तियों के नामों का जिक्र है। इनमें से 300 नामों की पुष्टि भी की जा चुकी है।


