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कांग्रेस सत्ता में आई तो संस्थाएं होंगी आरएसएस मुक्त : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी के केन्द्र की सत्ता में आने के बाद न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया जैसी संस्थाओं को आरएसएस के नियंत्रण से मुक्त किया जायेगा

कांग्रेस सत्ता में आई तो संस्थाएं होंगी आरएसएस मुक्त : राहुल
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हैदराबाद। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी के केन्द्र की सत्ता में आने के बाद न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया जैसी संस्थाओं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण से मुक्त किया जायेगा।

रंगा रेड्डी जिले के कोथूर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में गांधी ने कहा कि देश में संस्थाओं की स्वायत्ता को भारी नुकसान हुआ है। कांग्रेस की सरकार आने पर इन संस्थानों में एक निश्चित स्वतंत्रता कायम रखी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सत्ता का बड़े पैमाने पर संकेंद्रण और घोर पूंजीवाद उद्योगों में प्रतिस्पर्धा के माहौल खत्म कर एकाधिकार पैदा कर रहा है। केंद्र और राज्यों में इस तरह के पूंजीवाद के कारण छोटे और मध्यम व्यवसाय प्रभावित हुए हैं।

कांग्रेस के सत्ता में आने पर देश में कारोबारी माहौल की निष्पक्षता वापस लायी जायेगी। उन्होने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा उस भावना को प्रदर्शित करने का शक्तिशाली तरीका है।

भारत घृणा और हिंसा पर विश्वास नहीं करता है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस कथित रूप से फैला रहे हैं। मीडिया भाजपा और आरएसएस पर उनके आंतरिक चुनावों के बारे में सवाल नहीं करता है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस के बीच किसी गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा, अगर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव मानते हैं कि वह एक अंतरराष्ट्रीय पार्टी भी चला रहे हैं, तो हमें कोई समस्या नहीं है, उन्हें अमेरिका, चीन और ब्रिटेन के चुनाव लड़ने दें। गांधी ने कहा कि भारत में लड़ाई, आज दो विचारधाराओं के बीच है। एक राष्ट्र को विभाजित करने की कोशिश कर रहा है और दूसरा राष्ट्र को एकजुट करने के लिए है।

कांग्रेस को लगता है कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा को हराने के लिए विपक्ष को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा भारत जोड़ो यात्रा भाजपा से अलग विचारधारा पैदा करने का प्रयास है हालांकि यह यात्रा लंबी है। मैं जब 25 साल का था, तब से मेरे मन में एक यात्रा करने का विचार है। उस समय तो राजनीति में प्रवेश भी नहीं हुआ था। यह यात्रा बहुत कुछ सीखने का शानदार अनुभव है।


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