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काम करने की बजाय सिर्फ बोलने वालों के चक्कर में फिर मत पड़िए : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आज कल लोग जिनके चक्कर में फंस गये हैं वे काम करने की बजाय सिर्फ बोल रहे हैं इसलिए ऐसे लोगों के चक्कर में फिर मत पड़िएगा

काम करने की बजाय सिर्फ बोलने वालों के चक्कर में फिर मत पड़िए : नीतीश
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आज कल लोग जिनके चक्कर में फंस गये हैं वे काम करने की बजाय सिर्फ बोल रहे हैं इसलिए ऐसे लोगों के चक्कर में फिर मत पड़िएगा।

श्री कुमार ने मंगलवार को यहां सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में अयाोजित ‘जेपी की कहानी नीतीश कुमार की जुबानी’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आजादी की लड़ाई जो नहीं लड़े थे, जिनका कोई योगदान नहीं है, वही लोग इधर-उधर की बात करके झगड़ा लगाने में लगे हैं। आजादी की लड़ाई बापू के नेतृत्व में लड़ी गयी थी। बापू की हत्या किसने की थी। आज कल लोग जिनके चक्कर में फंस गये हैं, वे लोग काम करने की बजाय सिर्फ बोलने में लगे हैं और जेपी का सम्मान करने चले हैं। याद रखिये, ऐसे लोगों के चक्कर में फिर मत पड़ियेगा। मिल- जुलकर चलिए, एकजुट रहिये। आपस में भाईचारा का भाव कायम रखिये, चाहें किसी भी जाति, धर्म के हों, हम सब काम करते रहेंगे।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको जब मौक़ा मिला तो उन्होंने पिछड़ा में अतिपिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया। इससे पहले वर्ष 2000 में न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। तब से अब तक चार बार पंचायती राज का चुनाव और तीन बार नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न हो गया है। वह जेपी, बापू और लोहिया के विचारों को लागू करने की कोशिश करते हैं और करते रहेंगे। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूह की शुरुआत की गई और आज पूरे बिहार में 10 लाख 35 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे एक करोड़ 27 लाख महिलायें जुडी हुई हैं। जीविका समूह के माध्यम से गरीब तबके की महिलायें काफी आगे बढ़ी हैं। हमलोगों ने जीविका नामकरण किया, जिसके बाद केन्द्र ने पूरे देश के लिये इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका रखा।

श्री कुमार ने कहा कि बिहार का क्षेत्रफल काफी कम है जबकि आबादी अधिक है। प्रजनन दर कम करने की दिशा में कई काम किये गये जिसका परिणाम है कि बिहार की प्रजनन दर 4.3 से घटकर 2.9 हो गयी है। महिलायें जितनी अधिक पढ़ेंगी प्रजनन दर उतनी ही घटेगी। उन्होंने कहा कि समाज बेहतर हो रहा है, बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है। हमलोग हर क्षेत्र में हरसंभव विकास करने की कोशिश कर रहे हैं।


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