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जामिया और शोरील का इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप

शोरील और जामिया मिलिया इस्लामिया इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप लेकर आए हैं

जामिया और शोरील का इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप
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नई दिल्ली। शोरील और जामिया मिलिया इस्लामिया इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप लेकर आए हैं। यह एआई और ब्लॉकचेन के उपयोग के साथ अपनी तरह का पहला लर्निंग ऐप है। जामिया विश्वविद्यालय का मानना है कि यह लर्निंग ऐप व्यवहारिक ज्ञान एवं रचनात्मकता के साथ शिक्षा में बदलाव लाएगा।

जामिया-शोरील प्लेटफॉर्म पहली बार ऐप के ज़रिए कोर्स पूरा करने पर 6 क्रेडिट देगा। इसका एक और अनूठा फीचर है छात्रों के वर्बल रिस्पॉन्स के मूल्यांकन के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स का उपयोग, जिसमें रिस्पॉन्स का मूल्यांकन एल्गोरिदम के द्वारा किया जाएगा। विश्वविद्यालय के मुताबिक सबीर भाटिया के शोरील (टिपटॉप- शोरील प्राइवेट लिमिटेड) ने जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ साझेदारी में भावी उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए यह इन्क्वायरी आधारित लर्निंग ऐप पेश किया है।

जामिया शोरील ऐप, इन्क्वायरी आधारित लर्निंग के लिए अनूठा दृष्टिकोण पेश करेगा जो सोच-विचार के नए एवं रचनात्मक तरीकों के साथ छात्रों को विश्वस्तरीय पैमाने पर इनोवेट करने में मदद करेगा। 21वीं सदी की शिक्षा में बदलाव लाने के उद्देश्य से शोरील आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्सी की क्षमता का उपयोग कर आधुनिक कोर्सेज़ एवं शॉर्ट फॉर्म वीडियोज़ लेकर आएगा जो लर्निंग का अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे।

विश्वविद्यालय का कहना है कि जामिया-शोरील ऐसे प्लेटफॉर्म का निर्माण करेगा जिसके द्वारा छात्र अपने ज्ञान का उपयोग कर प्रयोग एवं खोज के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण कर सकेंगे। यह किसी गैर-शैक्षणिक संस्थान के साथ जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली साझेदारी है। पहली बार, एआई से इनेबल्ड कोर्स तैयार किया गया है।

सबीर भाटिया ने इस साझेदारी पर रोशनी डालते हुए कहा, ‘‘शोरील-जामिया ऐप सिर्फ एक साझेदारी नहीं है यह भावी शिक्षा के प्रति दूरदृष्टा सोच है। हमारा मानना है युवाओं को सही कौशल के साथ सशक्त बनाकर उनके उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित किया जा सकता है। असली रचनात्मकता, स्वतन्त्र शोध, जाच एवं अनुभव से उत्पन्न होती है। शिक्षा के एक समान अवसर उपलब्ध कराकर हम एआई की क्षमता का उपयोग करते हुए युवाओं के सोचने के तरीके को बदल देना चाहते हैं। उन्हें बदलती तकनीक के अनुसार ढालना चाहते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया हमेशा से बदलावकारी शिक्षा में अग्रणी रहा है। हमें खुशी है कि इस आधुनिक प्लेटफॉर्म के लॉन्च के लिए हमें भारत की टॉप यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी का मौका मिला है।’’

जामिया मिलिया इस्लामिया के वाईस चांसलर ने इस साझेदारी पर बात करते हुए कहा ‘‘सबीर भाटिया ने भारत के टेक रेवोल्युशन को नेतृत्व किया है। हमें गर्व है कि हमें शोरील के साथ जुड़ने का मौका मिला, हम उनके साथ काम करते हुए शिक्षा उद्योग में बड़ा बदलाव लेकर आएंगे। एआई क्षमता का उपयोग कर जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रों की कल्पनाशीलता और उत्सुकता को बढ़ावा देता है। इस आधुनिक प्लेटफॉर्म के साथ शोरील और जामिया मिलिया इस्लामिया भावी शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।"

जामिया के मुताबिक यह साझेदारी शिक्षा के पारम्परिक तरीके में बड़ा बदलाव लाएगी, इसे इन्स्ट्रक्टर-लैड मॉडल के बजाए सेल्फ-डायरेक्टेड इन्क्वायरी आधारित दृष्टिकोण प्रदान करेगी। शोरील का उद्देश्य उद्यमियों की नई पीढ़ी को प्रेरित करता है- वे लोग तो तकनीक का उपयोग कर नई कंपनियों और उद्योगों को बढ़ावा दे सकें।


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