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इलाज के नाम पर मासूम बच्चे को गर्म हसिया से दागा

श्योपुर ! मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के एक गांव में डेढ़ साल के एक मासूम बच्चे को इलाज के लिए गर्म हसिया से दागने का मामला सामने आया है।

इलाज के नाम पर मासूम बच्चे को गर्म हसिया से दागा
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श्योपुर ! मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के एक गांव में डेढ़ साल के एक मासूम बच्चे को इलाज के लिए गर्म हसिया से दागने का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार बीमार बच्चे का इलाज स्थानीय तांत्रिक द्वारा गर्म हंसिए से दाग कर किया गया है। कुपोषण और निमोनिया का इस तरह गर्म हसिए से दागकर इलाज करना क्षेत्र में प्राचीन अंधविश्वास की परंपरा है। घायल बच्चे को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम ज्वालापुर निवासी अभिषेक (15 माह) पुत्र सूरज आदिवासी कुछ दिन से बीमार चल रहा था। परिजनों के मुताबिक उसे सूखा रोग (कुपोषण) हुआ था। बच्चे की मां को कुछ महिलाओं ने गांव के ओझा को दिखाने की सलाह दी। ओझा ने बच्चे को निमोनिया रोग होना बताते हुए इसका इलाज गर्म हसिया से दागने की सलाह दी। परिजनों ने ओझा से दागने को कहा। ओझा ने लोहे के हंसिए को आग में तपाने के बाद पेट में करीब 30 स्थानों पर दाग दिया। गर्म हंसिए दागने से बच्चें की हालत और गंभीर हो गई। मासूम अभिषेक ही अंधविश्वास के इलाज का अकेला शिकार नहीं है। छह माह पूर्व अभिषेक के बड़े भाई मनीष की भी मौत इसी तरह से दागने से हो चुकी है। आदिवासी समाज में कुपोषण को सूखा रोग बोला जाता है। सूखा रोग मिटाने एवं निमोनिया ठीक करने के लिए ओझाओं द्वारा इस तरह दागना आम बात है।


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