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झारखंड में महिला उद्यमियों को बड़ा बाजार देने की पहल, धनतेरस पर आदिवासी ज्यूलरी ब्रांड लांच

परंपरागत ट्राइबल ज्यूलरी को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के लिए झारखंड की सरकार ने मंगलवार को धनतेरस के मौके पर एक नई पहल की

झारखंड में महिला उद्यमियों को बड़ा बाजार देने की पहल, धनतेरस पर आदिवासी ज्यूलरी ब्रांड लांच
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रांची। परंपरागत ट्राइबल ज्यूलरी को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के लिए झारखंड की सरकार ने मंगलवार को धनतेरस के मौके पर एक नई पहल की। सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम करने वाली झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) के 'आदिवा' नामक ब्रांड लांच किया है। इसकी लांचिंग करते हुए सोसाइटी की सीईओ नैन्सी सहाय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर ग्रामीण महिलाओं की उद्यमिता और पारंपरिक हुनर की ब्रांडिंग के लिए यह कदम उठाया गया है। इन पारंपरिक आभूषणों और जेवरात का निर्माण गांव-गांव में सखी मंडलों से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं। इससे ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में इजाफा हुआ है। आदिवा ब्रांड की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में सखी मंडलों की सभी जिलों की टीम ऑनलाइन माध्यम से जुड़ी थी। इस दौरान ज्यूलरी के कैटलॉग का विमोचन किया गया।

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित आदिवासी आभूषण को बड़े बाजार से जोड़कर उद्यमिता के नए आयाम स्थापित करने का प्रयास है। उन्होंने आदिवासी ज्यूलरी बनाने वाली सखी मंडल की महिलाओं को शुभकामना दी और कहा कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को इस हुनर से जोड़ा जाना चाहिए।

फिलहाल ये आदिवासी आभूषण दुमका और खूंटी जिले की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। ये आभूषण चांदी, सिल्वर, मेटल से बनाए जा रहे हैं। आदिवा ब्रांड के आभूषणों की खरीदारी ऑनलाइन पलाश मार्ट मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए की जा सकती है।

इस मौके पर मौजूद खूंटी की महिला कारीगर यशोदा देवी ने कहा, "इस पहल से हमारे हाथों से बनी ज्यूलरी को नया कलेवर मिल पा रहा है। मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा निर्मित आदिवासी आभूषण महिलाओं की सुंदरता में चार-चांद लगाएंगे और उनकी पहली पसंद होगा आदिवा ब्रांड।"


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