Top
Begin typing your search above and press return to search.

अमानवीय और अराजकता हिंसा का कारण सांप्रदायिकता और कट्टरपंथ: माकपा

भीड़ की हिंसा के बढ़ते मामलों के लिए राजनीतिक स्तर पर विफलता को दोषी ठहराते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि हमारे समाज में सांप्रदायिकता और कट्टरपंथ से जुड़े आग्रहों-पूर्वाग्रह

अमानवीय और अराजकता हिंसा का कारण सांप्रदायिकता और कट्टरपंथ: माकपा
X

नई दिल्ली। भीड़ की हिंसा के बढ़ते मामलों के लिए राजनीतिक स्तर पर विफलता को दोषी ठहराते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि हमारे समाज में सांप्रदायिकता और कट्टरपंथ से जुड़े आग्रहों-पूर्वाग्रहों के खुलकर सामने आने की वजह से अमानवीय और अराजक हिंसा हो रही है।

माकपा के अधिकारिक मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय में लिखा गया है, "बच्चा चोरी के भय में अनुचित और जघन्य हिंसा समाज की विकृत मनोदशा को दिखा रही है।"

संपादकीय में गत 2 महीने में 10 राज्यों में कम से कम 30 निर्दोष लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने का जिक्र किया गया है।

बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा अधिकांश हत्याएं अफवाहों के कारण हुई हैं जिन्हें व्हाट्सअप द्वारा फैलाया गया। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य झारखंड और महाराष्ट्र हैं, जहां क्रमश: सात और नौ हत्याएं हुई हैं।

संपादकीय में कहा गया है कि हिंसा की ये वारदातें 2015 में गौकशी या गौमांस खाने के आरोप में मुस्लिमों को निशाना बनाने से शुरू हुईं।

पार्टी ने कहा, "मुस्लिमों और दलितों को निशाना बनाने से शुरू हुआ नफरत का माहौल अब बच्चा चोरी के भय के रूप में सामने आया है जिसके परिणामस्वरूप पीट-पीट कर मार डालने की घटनाएं सामने आ रही हैं।"

पार्टी ने कहा, "भाजपानीत राज्य सरकारों और आरएसएस-भाजपा संगठन ने गौरक्षकों द्वारा की गई हिंसा को न्यायसंगत बताने या कम करके आंकने की कोशिश की। हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा 'दूसरों' के खिलाफ जारी अनवरत घृणा अभियान अपनी कीमत वसूल रहा है। यही वह बात है जिसने बिना दंड के भय का एक आम माहौल बना दिया है और जिससे सामाजिक मूल्य टूट गए हैं।"

संपादकीय के अनुसार, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कुशल तरीके से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से चुप्पी साध रखी है।"



Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it