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देश में सूचना एवं संचार क्रांति राजीव गांधी की देन-अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में सूचना एवं संचार क्रांति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की देन बताया

देश में सूचना एवं संचार क्रांति राजीव गांधी की देन-अशोक गहलोत
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में सूचना एवं संचार क्रांति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की देन बताते हुए कहा है कि उनके देश को 21वीं सदी में ले जाने के सपने से आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व में एक बड़ी ताकत के रूप में जाना जाता है।
गहलोत राजीव गांधी की 75वीं जयंती के अवसर पर आज यहां राजस्थान इनोवेशन विजन (राजीव) के राज्य स्तरीय समारोह में ‘सूचना क्रांति एवं स्टार्ट अप संगोष्ठी‘ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर के माध्यम से संचार एवं सूचना क्रांति लाने वाले राजीव गांधी की दूरदर्शिता, उनकी वैज्ञानिक सोच तथा पक्के इरादे का ही यह परिणाम है।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में शामिल करने के लिए छह मिशन बनाए और मिशन मोड पर काम शुरू किया। उन्होंने देश को कंप्यूटर के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ा। कुछ लोगों ने उस समय उनकी इस प्रगतिशील सोच का विरोध भी किया। लेकिन परिणाम सबके सामने है। आज हर हाथ में मोबाइल है, घर-घर में कंप्यूटर पहुंच चुका है, गांव-ढ़ाणी में इंटरनेट के माध्यम से सरकारी सेवाएं पहुंच रही हैं और हमारे नौजवान आईटी के क्षेत्र में कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। यह परिवर्तन राजीव गांधी के विजन से संभव हुआ।

गहलोत ने कहा कि मात्र 40 वर्ष की उम्र में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने अल्प कार्यकाल में ही अपनी विजनरी सोच से देश को आगे ला खडा किया। उनका सपना था कि दुनिया में हमारे नौजवानों की अलग पहचान कायम हो। आज दुनिया के बड़े-बड़े देशों में हमारे युवा उद्यमशीलता एवं तकनीक के दम पर वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। स्टार्टअप तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नौजवानों को सरकार का हमेशा सहयोग मिलेगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे राजीव गांधी की जीवनी पढ़ें और आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान के बारे में जानें। देश में प्यार, मोहब्बत और भाईचारा कायम रहे, यह युवाओं की सोच होनी चाहिए।
राजस्थान के प्रति राजीव गांधी के लगाव का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि वे प्रधानमंत्री बनते ही राजस्थान के आदिवासियों की पीड़ा को समझने के लिए पहुंचे थे। जब 1987-88 में प्रदेश भयंकर अकाल की चपेट में था तो उन्होंने तीन दिन तक नौ जिलों के दौरे किए, गांव-गांव, ढ़ाणी-ढाणी घूमे और अकाल पीड़ितों की भरपूर मदद की।

काम के प्रति उनके समर्पण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने जोधपुर लिफ्ट केनाल के काम की प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की। इस कारण पश्चिमी राजस्थान का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर तैयार हो पाया। राज्य सरकार ने इसका नामकरण राजीव गांधी के नाम पर किया।

उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि बड़े-बड़े बांध, कारखानों, आईआईटी, आईआईएम, इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित कर आधुनिक भारत की नींव रखने वाले प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू जैसे महान व्यक्तित्व के योगदान को सोशल मीडिया के माध्यम से नकारने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन इस देश की जनता यह जानती है कि पं. नेहरू, इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी जैसे व्यक्तित्वों का योगदान कितना बड़ा है। सच्चाई हमेशा जीतती है, जो लोग इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं वे कभी अपना इतिहास नहीं बना पाएंगे।

गहलोत ने कहा कि हमारे देश की हमेशा से यह खूबी रही है कि यहां अनेकता में एकता नजर आती है। अलग-अलग जाति, धर्म एवं भाषाओं के बावजूद भी यह देश एक और अखण्ड रहा है और आगे भी रहेगा। हमारे सैनिक इस देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देते हैं। देश के प्रति उनके जज्बे पर हम सभी देशवासियों को गर्व है।


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