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भोपाल में ओबीसी आरक्षण समर्थकों की आमद से रही गहमागहमी

मध्य प्रदेश की राजधानी में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर गहमागहमी रही

भोपाल में ओबीसी आरक्षण समर्थकों की आमद से रही गहमागहमी
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर गहमागहमी रही। प्रदेशभर से राजधानी पहुंचे ओबीसी समर्थकों के मुख्यमंत्री आवास को घेरने के आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। इसके बावजूद यहां पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। राज्य में ओबीसी को पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर ओबीसी महासभा ने रविवार को भोपाल में मुख्यमंत्री के आवास के घेराव का ऐलान किया था, इसके चलते पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शनिवार की रात से ही भोपाल पहुंचने के लिए निकल पड़े थे। आरोप है कि आंदोलनकारियों को भोपाल पहुंचने से पहले ही जगह-जगह पर रोक दिया गया था।

पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड लगा दिए थे, वहीं भोपाल आने वालों पर खास नजर रखी गई, जो आंदोलनकारी दूसरे शहरों से आए थे, उन्हें भोपाल के बाहर ही रोक दिया गया।

ओबीसी महासभा के आंदोलन को रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर रविवार को भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गई थी, लेकिन पता नहीं, शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज क्यों है, सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गई है?

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पहले ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों व इस वर्ग के लोगों को नाकेबंदी कर भोपाल आने से रोका गया उनका दमन किया जा रहा है, आंदोलन को कुचला जा रहा है, उनके साथ मारपीट की जा रही है और यह सब खुद को इस वर्ग की हितैषी बताने वाली सरकार में हो रहा है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने ओबीसी महासभा के आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कांग्रेस का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा एक बार नहीं, बल्कि कई बार सामने आ चुका है। चाहे ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण वाली बात हो, या पंचायत चुनाव में आरक्षण का मुद्दा, प्रदेश की जनता और पिछड़ा वर्ग के लोग यह भली भांति जान चुके हैं कि कांग्रेस की दिलचस्पी सिर्फ उनका राजनीतिक इस्तेमाल करने में है, उनके कल्याण में नहीं। इसीलिए कांग्रेस अब अपनी बी-टीम को आगे करके प्रदेश के माहौल को खराब करना चाहती है।

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विद्वेष और अशांति फैलाने के लिए अपनी जिस टीम को चुना है, वह इसकी विशेषज्ञ है और कई प्रदेशों में माहौल खराब कर चुकी है। इस टीम को सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में ही दलितों, पिछड़ों की समस्याएं दिखाई देती हैं, अन्य राज्यों से उसे कोई मतलब नहीं होता। राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दलितों के प्रति हो रहे जघन्य अपराध कांग्रेस या उसकी बी टीम के किसी नेता को नजर नहीं आते। राजनीति के अलावा पिछड़ों के लिए क्या किया, कांग्रेस बताए।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के पास पिछड़ा वर्ग के लोगों को बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह अब नकारात्मक राजनीति करके इस वर्ग के भाइयों को भड़काना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी, लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा, तो कांग्रेस की सरकार ने अपने एडवोकेट को नहीं भेजा।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में अगर लोकतंत्र बचा है तो पिछड़ा वर्ग, आदिवासी, दलित नेताओं को क्यों गिरफ्तार किया गया?


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