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144 साल पुरानी पटरियों पर दौड़ती रहेगी रेलगाड़ी

इंदौर ! मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत 144 साल पुराने रेलवे ट्रेक इंदौर-खंडवा मीटरगेज को महू से सनावद तक यथावत रखने की कोशिशें तेज़ हो गई है।

144 साल पुरानी पटरियों पर दौड़ती रहेगी रेलगाड़ी
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प्रदेश की सबसे खूबसूरत रेलवेलाइन बच सकेगी...!

इंदौर ! मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत 144 साल पुराने रेलवे ट्रेक इंदौर-खंडवा मीटरगेज को महू से सनावद तक यथावत रखने की कोशिशें तेज़ हो गई है। इससे इलाके के लोगों की उम्मीद-उम्मीद बढ़ गई है। मालवा को निमाड़ से जोडऩे वाले इस मार्ग के यथावत रहने से लोग पर्यटन के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य का भी लुत्फ़ उठा सकेंगे। यह प्रदेश का पहला हैरिटेज रेलवे होगा।
30 दिसम्बर 16 को देशबन्धु के पहले पृष्ठ पर मध्यप्रदेश की सबसे खूबसूरत रेलवेलाइन हो जाएगी बंद शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें शिमला-कालका की तर्ज पर इस रोमांचक ट्रेक को बनाए रखने और इसे इलाके के लोगों के सामने रोजी-रोटी के संकट से भी रूबरू कराया गया था। अब महू से सनावद तक ट्रेक को हैरिटेज रेलवे में बदलने पर सरकारी कवायद शुरू हो गई है। प्रस्ताव पारित होने पर रेलवे की जगह अब इस ट्रेक का संधारण और संचालन प्रदेश सरकार के पर्यटन विकास निगम की देखरेख में होगा। मध्यप्रदेश सरकार को रेलवे ने इस आशय का प्रस्ताव भी भेज दिया है। वहीं प्रदेश सरकार भी इसे लेकर उत्सुक है। पर्यटन विकास निगम इसे हाथोंहाथ लेने की तैयारी में है। पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी जीतेंद्र कुमार जयंत ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। उधर पर्यटन विकास निगम भी इसे लेकर उत्साहित है। इससे लगता है कि अब इसमें कोई ख़ास अडचन नहीं होगी।
गौरतलब है कि शिमला-कालका लाइन की तरह का खुशनुमा सफऱ सुरंगो, बड़े-बड़े झरनों, सागवान के घने जंगलों और आकाश से होड़ लेते विशाल पहाड़ों की गोद से कराने वाला यह मार्ग अब हमेशा-हमेशा के लिए किस्से-कहानियों में दर्ज होकर सिमट जाने की कगार पर था। अंग्रेजों के जमाने में 1872 में हैदराबाद से जैसलमेर तक 1400 किमी का यह मीटर गेज रेलवे ट्रेक बनाया गया था। अब यह रुट महाराष्ट्र के अकोला से महू तक मात्र 400 किमी का रह गया है। तब अंग्रेजों ने इन बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर इस मार्ग पर पांच सुरंगे बनाई थी। रेलगाड़ी इन सुरंगों और मशहूर पातालपानी जैसे बड़े खुबसूरत झरनों के नजदीक से गुजरती थी तो बरबस ही यात्री प्रकृति का आनंद भी महसूस करते हैं। इस रेलवे लाइन को बंद इसलिए किया जा रहा है कि अब यहाँ मीटर गेज की जगह ब्राड गेज लाइन डाली गई है।


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