Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत-पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल से घाटी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

जम्मू एवं कश्मीर में प्रशासन का कहना है कि लंदन में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के फाइनल में भले ही कोई भी टीम जीते, लेकिन घाटी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

भारत-पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल से घाटी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं
X

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में प्रशासन का कहना है कि रविवार को लंदन में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के फाइनल में भले ही कोई भी टीम जीते, लेकिन घाटी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

श्रीनगर के पुराने शहर में पांच पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, अलगाववादियों ने किसी प्रकार के बंद का ऐलान नहीं किया है।

खेल से संबंधित किसी भी मैच में जब भी भारत और पाकिस्तान का सामना होता है तो कश्मीर घाटी में परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।

राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को अंदेशा है कि चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के फाइनल मैच के परिणाम के तहत कहीं घाटी में हिंसा न भड़क जाए।

एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "कश्मीर में खेल की भावना को कभी सकारात्मक रूप में नहीं लिया गया और यह दुर्भाग्य की बात है। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुआ है, हमें कानून व्यवस्था को संभालने में काफी परेशानियां आई हैं।"

अधिकारी ने कहा, "परेशानी यह नहीं है कि कौन जीतेगा। हमारे लिए कोई भी परिणाम चिंता का विषय होता है।"

कश्मीर घाटी में कुछ ही लोग भारत और पाकिस्तान के मैच को एक खेल की तरह लेते हैं।

रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ी रहे और राष्ट्रीय खेलों के चयनकर्ता मुहम्मद बट ने आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच यहां लोगों के लिए एक जुनून रहा है। मैंने अपने बचपन से लेकर 62 साल की उम्र तक यहीं स्थिति देखी है। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।"

बट ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे भारतीय खिलाड़ियों को पसंद किया है, लेकिन जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मैच होता है, तो लोगों का समर्थन पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ होता है।

श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में दो अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले गए हैं। पहला मैच 13 अक्टूबर, 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच और दूसरा छह सितंबर, 1986 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था।

पहले मैच के दौरान दर्शक मैदान पर उतर गए थे और पिच खोद दी थी, जबकि दूसरे मैच के दौरान उन्होंने भारत की हार का जश्न मनाते हुए भारत-विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।

साल 1989-90 की शुरुआत में कश्मीर घाटी में अलगाववादी हिंसा शुरू होने के बाद भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच किसी भी मैच के दौरान तनाव और बढ़ने लगा। जब भी पाकिस्तान से मुकाबले में भारत की हार होती थी, लोग खुशियां मनाते हुए सड़कों पर उतर आते थे।

वहीं, 1990 के बाद यह तनाव और अधिक हिंसात्मक होता गया। जब कभी भारत ने पाकिस्तान की टीम को हराया, स्थानीय युवकों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पों की खबरें आईं। यह आज भी संकटग्रस्त घाटी में प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it