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स्वदेशी दस्तकारी-शिल्पकारी की लुप्तप्राय विरासत को बचाने का सफल अभियान साबित हो रहा है ‘हुनर हाट’ - नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि उनके मंत्रालय की ओर आयोजित किये जा रहे

स्वदेशी दस्तकारी-शिल्पकारी की लुप्तप्राय विरासत को बचाने का सफल अभियान साबित हो रहा है ‘हुनर हाट’ - नकवी
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अहमदाबाद । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि उनके मंत्रालय की ओर आयोजित किये जा रहे ‘हुनर हाट’ भारत की स्वदेशी दस्तकारी-शिल्पकारी की लुप्त हो रही विरासत को बचाने के मामले में एक सफल अभियान साबित हो रहा है।

नकवी ने यहां साबरमती रिवर फ्रंट पर आयोजित हुनरहाट के औपचारिक उद्घाटन के मौके पर आज कहा कि जहां एक ओर इन आयोजनों से हुनर के उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों को हौसला मिला है वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में महिलाओं सहित हजारों दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। यहां हुनर हाट 7 से 15 दिसंबर तक आयोजित होगा।

नकवी ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख स्थानों पर आयोजित होने के कारण हुनर हाट में दस्तकारों, शिल्पकारों के हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पाद और अन्य कलाकृतियों की जबरदस्त बिक्री हो रही है और इन्हे देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आर्डर मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों में 100 हुनर केंद्र अथवा हुनर हब स्वीकृत किये हैं जिनमे दस्तकारों, शिल्पकारों, पारम्परिक खानसामों आदि को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जायेगा और उनके हुनर को और निखारा जायेगा। अगले 5 वर्षों में मोदी सरकार हुनर हाट के माध्यम से लाखों कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों और पारंपरिक खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके मुहैया कराएगी।
नकवी ने कहा कि अगले हुनर हाट का आयोजन 20 से 31 दिसंबर तक 2019 मुंबई में किया जायेगा। इसके बाद 10 से 20 जनवरी, 2020 लखनऊ में, 11 से 19 जनवरी, 2020 तक हैदराबाद में, 20 जनवरी से 1 फरवरी, 2020 चंडीगढ़ में, 08 फरवरी से 16 फरवरी, 2020 तक इंदौर में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में आयोजित हुनर हाट में बड़ी संख्या में महिला दस्तकारों सहित देश के लगभग सभी राज्यों से दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे आदि भाग ले रहे हैं। हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्पाद असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मणिपुर, तेलंगाना, तमिलनाडु आदि राज्यों से लाए गए हैं। इसके अलावा लुप्त हो रही उत्तर प्रदेश की टिखु कला का यहां से हुनर हाट में पहली बार प्रवेश हो रहा है। केरल से नारियल के खोल से बने उत्पादों को भी पहली बार प्रतिनिधित्व मिल रहा है। आने वाले दिनों में हुनर हाट का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना,भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुद्दुचेरी , अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुबनेश्वर, अजमेर आदि में भी किया जायेगा।


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