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सातवें नेशंस कप में भारतीय युवा महिला मुक्केबाज चमकीं, जीते 3 स्वर्ण और 1 कांस्य

 भारत की युवा महिला मुक्केबाजों ने विश्व स्तर पर अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां आयोजित सातवें नेशंस कप में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक अपने नाम किया

सातवें नेशंस कप में भारतीय युवा महिला मुक्केबाज चमकीं, जीते 3 स्वर्ण और 1 कांस्य
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सोम्बोर। भारत की युवा महिला मुक्केबाजों ने विश्व स्तर पर अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां आयोजित सातवें नेशंस कप में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक अपने नाम किया। बीते कुछ समय में भारतीय मुक्केबाजी की लोकप्रियता घटी है लेकिन भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने इस साल ते उत्तरार्ध में ब्यूनस आयर्स में होने वाले यूथ ओलम्पिक के लिए बेहतरीन टीम तैयार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा है।

बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "हम 2018 समर यूथ ओलम्पिक में सबसे मजबूत टीम उतारना चाहते हैं। इसी कारण हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे खिलाड़ियों को कठिन से कठिन हालात में अभ्यास और खेलने का मौका मिल सके। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी हाल ही में गुवाहाटी में आयोजित विश्व युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप जैसा चमकदार प्रदर्शन कर सकें।"

युवा कटेगरी में भारतीय दल में शामिल जॉनी (60 किग्रा) ने फाइनल में हंगरी की विक्टोरिया मातेज को हराया जबकि ललिता (64 किग्रा) ने रूस की करीना कुझेलेवा को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

भारत के लिए तीसरा स्वर्ण नंदिनी ने 81 किलोग्राम वर्ग में जीता। नंदिनी ने पोलैंड की एलेसांड्रा जोन्का को कड़े मुकाबले में हराया। राजबाला (54 किग्रा) को हालांकि हार मिली और कांस्य से संतोष करना पड़ा। राजबाला को सेमीफाइनल में पोलैंड की कालुजा बीएटा ने हराया।

ज्योति गुलिया, जो कि 2018 यूथ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। ज्योति ने विश्व युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ज्योति का जन्म 1999 में हुआ था और वह भारतीय दल की अगुवाई कर रही हैं।


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