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भारतीय धर्म-संस्कृति चिरंजीवी है : रूपाणी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति ने हमेशा विश्व को अपना परिवार मान कर समग्र मानवजाति के कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए हैं

भारतीय धर्म-संस्कृति चिरंजीवी है : रूपाणी
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आणंद। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति ने हमेशा विश्व को अपना परिवार मान कर समग्र मानवजाति के कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए हैं।

श्री रूपाणी ने कहा कि समग्र विश्व में भारतीय धर्म-संस्कृति चिरंजीवी है और अविचलदासजी महाराज जैसे अनेक संतों-महंतों ने अपना जीवन सनातन धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित किया है।

श्री रूपाणी ने ज्ञान सम्प्रदाय गुरुगादी सारसा में सप्तम कुवेराचार्य श्री अविचलदासजी महाराज साधु दीक्षा स्वर्ण जयंती महोत्सव के अवसर पर परमपूज्य आचार्य श्री अविचलदासजी महाराज की भाववन्दना करने के साथ ही उनका अभिवादन किया।

सारसा में आयोजित विराट धर्म सम्मेलन में हजारों भक्तों ने मुख्यमंत्री का हर्षोल्लास से स्वागत किया। भारतभर से पधारे संतों-महंतों और महामंडलेश्वरों का भी मुख्यमंत्री ने अभिवादन किया और प्रतिसाद में उन सभी ने भी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अभिवादन किया।

उन्होंने इस दौरान कहा कि गुजरात के दो सपूतों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमितभाई शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाकर कश्मीर को सही मायनों में भारत का अभिन्न अंग बना दिया है। इतना ही नहीं, अयोध्या राममन्दिर विवाद का अंत भी हुआ है और न्यायतंत्र पर जनता का भरोसा दृढ़ हुआ है। नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दु, सिख, इसाई और बौद्ध धर्म के शरणार्थी नागरिकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है।


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