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सिंगापुर में जेल अधिकारी पर हमला करने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को तीन साल की सजा

सिंगापुर में 51 वर्षीय भारतीय मूल के एक ड्रग अपराधी को 2022 में एक जेल अधिकारी को घूंसा मारने और उसके चेहरे पर फ्रैक्चर करने के लिए सोमवार को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई

सिंगापुर में जेल अधिकारी पर हमला करने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को तीन साल की सजा
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सिंगापुर। सिंगापुर में 51 वर्षीय भारतीय मूल के एक ड्रग अपराधी को 2022 में एक जेल अधिकारी को घूंसा मारने और उसके चेहरे पर फ्रैक्चर करने के लिए सोमवार को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

कलियाप्पन कुमारसामी, जिनका चांगी जेल के भीतर एक ड्रग पुनर्वास केंद्र में इलाज चल रहा था, ने 41 वर्षीय मुख्य वार्डर लिम सी चुआन को जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने का अपराध स्वीकार किया।

द स्ट्रेट्स टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, कालियाप्पन ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह एक असंबंधित विवाद पर अपने खिलाफ आंतरिक जांच के कारण गुस्से में था।

अदालत को बताया गया कि दिसंबर 2022 में लिम कालियाप्पन को उसकी कोठरी में वापस ले जा रहा था, और गलियारे से नीचे चलते हुए दोनों ने बात करना शुरू कर दिया।

उप लोक अभियोजक जेम्स च्यू ने अदालत को बताया, "जब वे बात कर रहे थे, तो पीड़ित ने मित्रवत भाव के रूप में आरोपी की दाहिनी ऊपरी बांह को छुआ। हालांकि, एक क्षण बाद जब वे चलते रहे, तो आरोपी ने अचानक अपनी बाईं मुट्ठी से पीड़ित के चेहरे पर जोरदार मुक्का मारा।"

द टाइम्स ने च्यू के हवाले से कहा, "पीड़ित जमीन पर गिर गया। जैसे ही पीड़ित खुद उठने की को‍शिश कर रहा था, आरोपी उसके सामने खड़ा हो गया और उसने अपनी बाईं मुट्ठी से पीड़ित के सिर पर एक और मुक्का मारा। यह मुक्का पीड़ित के सिर को छूकर निकल गया।" लिम की नाक और मुंह से खून बह रहा था। उसने सहायता के लिए अपने संचार उपकरण को सक्रिय किया और उसके सहयोगी भागते हुये आये।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अधिकारी को कालियाप्पन को काबू करने के लिए उस पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ा क्योंकि उसने लिम पर हमला जारी रखा था। लिम को चांगी जनरल अस्पताल ले जाया गया था। उसका चेहरा सुन्‍न पड़ गया था। च्यू ने न्यायाधीश से कालियाप्पन के लिए तीन साल से अधिक की जेल की सजा की मांग की।

च्‍यू ने अदालत में कहा, "आरोपी ने पूरी तरह से अकारण होने के बावजूद पीड़ित पर बेशर्मी से हमला किया था। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह (सिंगापुर जेल सेवा) द्वारा उसके खिलाफ एक अलग जांच करने से नाराज था। इस तरह के 'प्रतिशोध' वाले हमलों... की न तो अनुमति दी जा सकती है और न ही बर्दाश्त किया जा सकता है।"

किसी लोक सेवक को स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने के लिए अपराधी को 15 साल तक की जेल और जुर्माना या बेंत की सजा हो सकती है। सिंगापुर के कानून के मुताबिक, कलियाप्पन को बेंत नहीं मारा जा सकता क्योंकि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है।


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