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विकासशील देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे उज्ज्वल है : धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के विकासशील देशों में सबसे उज्ज्वल है

विकासशील देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे उज्ज्वल है : धनखड़
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चेन्नई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के विकासशील देशों में सबसे उज्ज्वल है।

श्री धनखड़ ने यहां आईआईटी-मद्रास में सेंटर फॉर इनोवेशन फैसिलिटी का उद्घाटन करने के दौरान समकालीन वैश्विक परिदृश्य को साझा किया, जिसमें भारत चमकता सितारा है और दुनिया में हर कोई उसकी सराहना करता है।

उन्होंने कहा, “विकासशील देशों के बीच, हमारी अर्थव्यवस्था नि:संदेह सबसे उज्ज्वल है, हमारे कई विकसित देशों की प्रगति की तुलना में अधिक तेजी से विकसित होने की संभावना है। भारत सितंबर, 2022 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना,

जब हम अपने पूर्व औपनिवेशिक शासकों को पछाड़ कर पांचवें पायदान पर पहुंचे। मुझे कोई संदेह नहीं है कि दशक के अंत तक हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।”

उपराष्ट्रपति ने कहा, “और 2047 के योद्धाओं के साथ, उस समय तक हम चरम पर होंगे

और इसे कोई टाल नहीं सकता। भारत की तरक्की अजेय है और यह एक वृद्धिशील पथ पर बढ़ना जारी रखेगा। दक्षिण पूर्व और पश्चिम में तनावपूर्ण वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारत की प्रगति जारी है। हमारा भारत अवसरों की भूमि है, निवेश और अवसर के लिए वैश्विक गंतव्य की भूमि है।”

श्री धनखड़ ने कहा, “अब जब भारत बोलता है, तो दुनिया सुनती है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो बयानों को उद्धृत करते हुए कहा, “पहला, भारत ने कभी विस्तार का कार्य नहीं किया और यह विस्तार का युग नहीं है। दूसरा, युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। संवाद और कूटनीति के माध्यम से दुनिया की समस्याओं का समाधान करना होगा। ”

उन्होंने कहा, “सबसे अच्छा बचाव रणनीतिक तैयारी है और आर्थिक तैयारी के महान पहलुओं में से एक है आर्थिक राष्ट्रवाद। हमें अपने लोगों को थोड़ा विचारशील होने और आर्थिक राष्ट्रवाद की देखभाल के लिए प्रेरित करना होगा।”

उन्होंने पूछा, “दिवाली के दीये और पतंग, बहार से आने चाहिए क्या? और पटाखे तो यही

बन सकते हैं।”

श्री धनखड़ ने कहा कि पूर्व छात्र किसी भी संस्थान की रीढ़ की हड्डी होते हैं और संस्थान पूर्व छात्रों के कंधों, उनकी ख्याति और योगदान पर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी-मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि इस अमृत काल में आजादी के 75वें वर्ष के दौरान शिक्षकों के साथ मिलकर उन योद्धाओं का निर्माण कर रहे हैं, जो 2047 में भारत के भाग्य को आकार देंगे।

उन्होंने कहा, “आइए, हम सभी संस्थानों में पूर्व छात्रों के एक संरचित विकास के लिए एक तंत्र स्थापित करें। वे पूर्व छात्र संस्थान हमारे राष्ट्रवाद, हमारे आर्थिक राष्ट्रवाद और हमारे विकास पथ का ख्याल रखेंगे। मैं चाहता हूं कि यह महान संस्थान पूर्व छात्र संघ का गठन कर एक साथ काम कर रहे सभी पूर्व छात्रों के लिए आधुनिक मंच के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाये। विश्व ने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए इससे पहले इतना सक्षम मर्मज्ञ थिंक टैंक नहीं देखा होगा।”

उपराष्ट्रपति ने कहा, “इनोवेशन सेंटर का उद्घाटन बदलते परिवेश और नई रूपरेखा का प्रतीक है, जिसका भारत बड़े पैमाने पर विश्व को संकेत दे रहा है।

श्री धनखड़ ने कहा कि जुलाई 2022 में, आईआईटी-मद्रास ने अनोखा लीक से हटकर सोच वाला ऑनलाइन कोर्स शुरू किया।

उन्होंने कहा, “इस देश में हमें वास्तव में अपने समाधान के लिए लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। नई सोच हमारे डीएनए में है। हमें केवल इसे सक्रिय करना है और यह इस संस्थान में सक्रिय किया जा रहा है। इस समग्र विकास के केंद्र में दस लाख स्कूली और कॉलेज छात्रों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।”


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