भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी के टायर पंक्चर हैं और पीएम ‘जुमलेबाजी’ में लगे हैं: कांग्रेस
कांग्रेस ने नरेंद्र माेदी सरकार पर कारोबार करने का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी के चारों टायर में से तीन पंक्चर हो चुके हैं जबकि प्रधानमंत्री ‘जुमलेबाजी’ मे

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने नरेंद्र माेदी सरकार पर कारोबार करने का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी के चारों टायर में से तीन पंक्चर हो चुके हैं जबकि प्रधानमंत्री ‘जुमलेबाजी’ में लगे हैं।
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— Congress Live (@INCIndiaLive) June 11, 2018
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अौर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी प्रतिदिन एक नया जुमला बनाते हैं जबकि पिछले चार साल से भारतीय अर्थव्यवस्था के तमाम संकेतक नकारात्मक रुख दिखा रहे हैं।
मोदी सरकार के पिछले चार सालों की उपलब्धियों के प्रचार अभियान का उल्लेख करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने कहा रोजगार, निर्यात, कारोबारी माहौल एवं भरोसा, निवेश, बचत और औद्योगिकी सूचकांक सब गिरावट में हैं। प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था में वृद्धि का बखान कर रहे हैं जबकि इसके चार टायर में से तीन पंक्चर हो चुके हैं और चाैथा सरकारी व्यय का टायर किसी तरह से चल रहा है। लेकिन बढ़ते वित्तीय घाटे और चालू खाता घाटे से यह भी कभी भी पंक्चर हो सकता है।
चिदंबरम ने कहा कि सरकार केवल जुमलेबाजी में लगी है जबकि हकीकत में कुछ नहीं हो रहा है। उन्होेंने आरोप लगाया कि सामाजिक सुरक्षा कानूनों और कार्यक्रमों को अनदेखा किया जा रहा है। खाद्य सुरखा कानून पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। मनरेगा को उसकी मांग के अनुरूप नहीं चलाया जा रहा है और इसमें श्रमिकों की लंबित मजदूरी बढ़ती जा रही है।
किसानों की महज 30 प्रतिशत फसलों को बीमा के दायरे में लाया गया है। सरकार की बीमा फसल योजनाअों से बीमा कंपनियां भारी मुनाफा अर्जित कर रही है जबकि किसानों को कुछ रुपयों का भुगतान किया जा रहा है। स्वास्थ्य बीमा योजना भी एक जुमला साबित होगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार अपनी उपलब्घियों का जोर शोर से बखान कर रही है लेकिन लोगों की राय इससे अलग है। सरकार के निर्णयों से लोगों के जीवन में दुश्वारियां बढ़ी है अौर इसका समर्थन स्वतंत्र नियामकों की रिपोर्ट और अन्य संस्थाओं केे संकेतक कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक की हाल में जारी ‘उपभोक्ता भरोसा सर्वेक्षण मई 2018’ का उल्लेख करते हुए कहा कि 48 प्रतिशत लोग मानते हैं कि पिछले 12 महीनों में अर्थव्यवस्था के हालात खराब हुए हैें।
किसानों के विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को उनके फसलों के उचित दाम नहीं दिये जा रहे हैं। वे मजबूरन सड़कों पर उतरकर रोष प्रकट कर रहे हैं। पेट्रोल, डीजल एवं एलएनजी के दामों में बनावटी वृद्धि से भी जनता परेशान है। मोदी सरकार लाचार जनता को ‘निचोड़’ रही है।


