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अर्थव्यवस्था को लग सकता है तगड़ा झटका, जीडीपी ग्रोथ माइनस 10.5 फीसदी होने का अनुमान
फिच ने अनुमान लगाया है कि इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती है

जीडीपी के आंकड़ें जब -23.9 फीसदी पर पहुंचे तो लगा कि अब इससे ज्यादा बुरा दौर नहीं आ सकता…लेकिन मोदी राज में सबकुछ मुमकिन है…अभी तो अर्थव्यवस्था में और गिरावट आनी बाकी है…जिसका अंदेशा रेटिंग एजेंसी ने जताया है…जीहां फिच ने ऐसा अनुमान लगाया है…जिससे देश की अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगेगा…आम आदमी की जिंदगी फिर बदहाल हो जएगी… तो क्या है फिच का अंदेशा.एक वक्त में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश था…लेकिन आज स्थिति ये हो गई है कि भारत सबसे तेजी से नीचे गिर रहा है... पिछले दिनों -23.9 फीसदी आए जीडीपी के आंकड़ों ने साफ बयां कर दिया था कि देश की हालत और बिगड़ने वाली है…आज रेटिंग एजेंसी फिच ने भी अनुमान लगा दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका लगने वाला है…फिच ने अनुमान लगाया है कि इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती है. यानी जीडीपी ग्रोथ माइनस 10.5 फीसदी हो सकती है. फिच ने कहा कि अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने के बाद अक्टूबर से दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी में मजबूत सुधार होना चाहिए, लेकिन संकेत तो इस बात के दिख रहे हैं कि सुधार की गति धीमी और असमान होगी…फिच ने कहा कि इस हालत से बचने के लिए सकारात्मक कदम उठाने होंगे…ये सलाह ना केवल रेटिंग एजेंसी ने दी है…बल्कि देश की विकट परिस्थितियों को लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी सरकार को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अमेरिका और इटली से भी ज्यादा नुकसान हुआ है… जब इनफॉर्मल सेक्टर के आंकड़े जोड़े जाएंगे तो अर्थव्यवस्था में की हालत और बदतर हो सकती है…रघुराम राजन ने ये आशंका जाहिर करते हुए ना सिर्फ सरकार को चेतावनी दी है…बल्कि सरकार के राहत पैकेज को भी नाकाफी बताया है…उन्होंने कहा है कि जब तक महामारी पर काबू नहीं पाया जाता है तब तक भारत में विवेकाधीन खर्च की स्थिति कमजोर बनी रहेगी…सरकार ने अब तक जो राहत दी है, वह नाकाफी है…तमाम दिग्गज अर्थव्यवस्था गिरने का अनुमान लगा रहे हैं…लेकिन फिर भी सरकार संभल नहीं रही है…अब 40 साल बाद ऐतिहासिक गिरावट के बाद ना जाने और क्या देखना बाकी है…
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