Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारतीय लोकतंत्र दुनिया के लिए मार्गदर्शक : धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र को दुनिया के अन्य लोकतंत्रों के लिए एक मार्गदर्शक बताते हुए कहा है कि संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए

भारतीय लोकतंत्र दुनिया के लिए मार्गदर्शक : धनखड़
X

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र को दुनिया के अन्य लोकतंत्रों के लिए एक मार्गदर्शक बताते हुए कहा है कि संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए और एक ऐसे भारत का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए जिसकी कल्पना हमारे संस्थापकों ने की थी।

श्री धनखड़ ने संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका का आपसी सहयोग लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत की महत्ता तब महसूस की जाती है जब विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका मिलकर और एकजुटता से कार्य करती हैं। उन्होंने इन प्रतिष्ठित संस्थानों के शीर्ष पर सभी लोगों से गंभीरता से विचार करने और प्रतिबिंबित करने का आग्रह किया ताकि संविधान की भावना और सार के अनुरूप एक स्वस्थ परिवेश का विकास हो सके।

उपराष्ट्रपति ने “भारत का संविधान और भारतीय लोकतंत्र: क्या विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका अपने संवैधानिक जनादेश के प्रति सच्चे रहे हैं”- विषय पर एक व्याख्यान देते हुए ये टिप्पणियां की।

श्री धनखड़ ने भारतीय संविधान को दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक बताते हुए कहा कि संविधान सभा के सदस्य बेदाग साख और अपार अनुभव के साथ बेहद प्रतिभाशाली थे।

संविधान की प्रस्तावना से ‘हम, भारत के लोग’ शब्दों का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि विधायिका में उनके विधिवत निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से पवित्र तंत्र के माध्यम से परिलक्षित लोगों का अध्यादेश सर्वोच्च है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्माताओं ने परिकल्पना की थी कि ऐसी स्थितियां उत्पन्न होंगी जो विधायिका के लिए संविधान के अनुरूप संविधान में संशोधन करना अनिवार्य कर देंगी। इसलिए उन्होंने संविधान संशोधन की व्यवस्था की।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it