मॉस्को में तालिबान से मिला भारतीय प्रतिनिधिमंडल
भारतीय अधिकारियों ने पहली बार अफगान मंत्रियों से मुलाकात की. मॉस्को में यह मुलाकात हुई लेकिन भारत ने ब्योरा नहीं दिया.

मॉस्को फॉर्मैट में अफगान उप प्रधानमंत्री हनाफी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि उनकी अंतरिम सरकार को मान्यता दे. इस सरकार में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में हैं.
अफगान समाचार एजेंसी खाम प्रेस के मुताबिक हनाफी ने कहा, "अफगानिस्तान को अलग-थलग कर देना किसी के भी हित में नहीं है. यह पहले भी साबित हो चुका है.” हनाफी ने अमेरिका से आग्रह किया कि देश के सेंट्रल बैंक की संपत्ति पर लगी पाबंदियां हटाए. ये संपत्तियां करीब 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर की हैं.
जेल जहां अब कैदी बन गए जेलर
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने अमेरिका के सम्मेलन में हिस्सा ना लेने पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा, "हमें अमेरिका के ना आने का अफसोस है. उम्मीद है ऐसा कि उसूली समस्या के कारण नहीं हुआ और वजह बस यही हो कि अफगानिस्तान में अमेरिका का विशेष दूत बदल गया है.”
लावरोव ने कहा कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान को वित्तीय, आर्थिक और मानवीय सहायता दे ताकि मानवीय संकट और बड़े पैमाने पर विस्थापन को टाला जा सके.


