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भारतीय व्यापारी तुर्की के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने के पक्ष में नहीं : प्रवीण खंडेलवाल

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर तुर्की जिस तरीके से पाकिस्तान के साथ खड़ा था, उसको लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है

भारतीय व्यापारी तुर्की के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने के पक्ष में नहीं : प्रवीण खंडेलवाल
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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर तुर्की जिस तरीके से पाकिस्तान के साथ खड़ा था, उसको लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। भाजपा सासंद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की की मदद की थी, लेकिन अब जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति थी, तुर्की खुलकर पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था। ऐसे में भारतीय व्यापारी और उद्योग तुर्की के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं।

प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 2024-25 में भारत से तुर्की से 5.2 बिलियन डॉलर का निर्यात और 2.8 बिलियन डॉलर का आयात हुआ, जबकि अजरबैजान को 86 मिलियन डॉलर का निर्यात और 1.93 मिलियन डॉलर का आयात हुआ। यदि भारत इन देशों के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ता है, तो तुर्की और अजरबैजान की अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लगेगा।

प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस पर तुर्की के खिलाफ स्पष्ट रुख न अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के साथ नहीं चल रही और हर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से देखती है। कांग्रेस ने हाल ही में देशभर में ‘जय हिंद यात्रा’ निकालने की घोषणा की, जिसे खंडेलवाल ने ‘दिखावा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को देशभक्ति दिखानी थी, तो पहले तुर्की के खिलाफ बोलना चाहिए था। यह यात्रा और कांग्रेस का रवैया आपस में विरोधाभासी है, जो उनके असली चरित्र को उजागर करता है।

सिंधु जल संधि को लेकर खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और कहा कि पाकिस्तान एक तरफ आतंकवादी हमले करवाता है, दूसरी तरफ पानी के लिए गुहार लगाता है। यह भारत की कड़ी चेतावनी है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत स्पष्ट कर दिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा, मुझे लगता है कि इससे बड़ी बात और चेतावनी कोई हो नहीं सकती।

इससे पहले दिल्ली में कर्तव्य पथ से इंडिया गेट तक मंगलवार को बीजेपी की तरफ से तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। सामाजिक संस्था सिटिजन फार नेशनल सिक्यूरिटी की इस यात्रा में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बीजेपी ने इस यात्रा को दिल्ली की जनता का आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बताया था।


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