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भारतीय-अमेरिकी ने वैश्विक महिला मुद्दों के लिए राजदूत के रूप में ली शपथ

भारतीय-अमेरिकी गीता राव गुप्ता ने अमेरिकी विदेश विभाग में वैश्विक महिला मुद्दों के लिए राजदूत-एट-लार्ज के रूप में शपथ ली। वह यह पद संभालने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं

भारतीय-अमेरिकी ने वैश्विक महिला मुद्दों के लिए राजदूत के रूप में ली शपथ
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न्यूयॉर्क। भारतीय-अमेरिकी गीता राव गुप्ता ने अमेरिकी विदेश विभाग में वैश्विक महिला मुद्दों के लिए राजदूत-एट-लार्ज के रूप में शपथ ली। वह यह पद संभालने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं।

सोमवार को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोमवार को गुप्‍ता को पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही मई में इस पद के लिए सीनेट में 47 के मुकाबले 51 वोटों से उनकी नियुक्ति की पुष्टि की गई।

मई में उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए, विदेश विभाग ने कहा था कि वह "अमेरिकी विदेश नीति के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की प्रशंसा करता है।"

विदेशी संबंधों पर सीनेट समिति के समक्ष पिछले साल अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गुप्ता ने कहा था कि वह एक गौरवान्वित अमेरिकी नागरिक और पहली पीढ़ी की अप्रवासी हैं, जो पेशेवर महिलाओं के परिवार से हैं, इनमें से प्रत्येक ने अपना जीवन अपने समुदायों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।

उन्होंने कहा था, "अगर आप आज दुनिया को देखें, महिलाओं की स्थिति, अगर आप लैंगिक असमानता संकेतकों को देखें, तो वे दिखाते हैं कि असमानता बढ़ गई है।"

गुप्ता के अनुसार, महिलाएं अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने में असमर्थ हैं, क्योंकि कई असमानताएं और अपमान उन्हें पीछे खींच रहे हैं।

मुंबई में जन्मे गुप्ता ने पहले संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन में वरिष्ठ फेलो और व्यवस्था परिवर्तन के लिए वैश्विक सहयोगात्मक परोपकार संस्था, को-इम्पैक्ट के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य किया था।

संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन में रहते हुए, गुप्ता ने लड़कियों और महिलाओं के लिए 3डी कार्यक्रम की स्थापना की और कार्यकारी निदेशक और बाद में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य किया।

लिंग और विकास पर दशकों के अनुभव के साथ, गुप्ता ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम के लिए एक निरीक्षण समिति में भी काम किया है, और विश्व बैंक के वैश्विक लिंग-आधारित हिंसा कार्य बल की सह-अध्यक्षता की है।

वह यूनिसेफ में कार्यक्रम की उप कार्यकारी निदेशक थीं और उससे पहले बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में वरिष्ठ फेलो थीं।

वह कई पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता हैं, इनमें उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए इंटरएक्शन का जूलिया टैफ्ट पुरस्कार, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का ऐनी रो पुरस्कार और वाशिंगटन बिजनेस जर्नल का "वीमेन हू मीन बिजनेस" पुरस्कार शामिल हैं।

उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में पीएचडी और दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. व एम.फिल की उपाधि प्राप्त की है।


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