ज्ञान की महाशक्ति के रूप में उभरेगा भारत : निशंक
निशंक: नयी शिक्षा नीति के लागू होने से भारत दुनिया में ज्ञान की एक ‘महाशक्ति’ के रूप में उभरेगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक ब्रांड बनेगा ।

नयी दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि नयी शिक्षा नीति के लागू होने से भारत दुनिया में ज्ञान की एक ‘महाशक्ति’ के रूप में उभरेगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक ब्रांड बनेगा ।
डॉ निशंक ने सोमवार को यहां नयी शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही । इस सम्मेलन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित कर रहे हैं।
डॉ निशंक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मेलन के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि देश में पहली शिक्षा नीति 1968 में बनी थी उसके बाद दूसरी 1986 में और उसके 34 साल बाद यह नयी शिक्षा नीति आई है जिससे शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा और यह शिक्षा नीति भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाएगी तथा पूरी दुनिया में भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक ब्रांड के रूप में उभरेगा।
उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति वैज्ञानिक सोच पर आधारित होगी लेकिन उसमें भारतीय जीवन मूल्य भी रहेंगे तथा यह डिजिटल भी होगी और दूरवर्ती भी होगी इसके साथ ही यश अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि हम उच्च शिक्षा में दाखिले 50 प्रतिशत दाखिले का लक्ष्य पार करेंगे और 3.50 करोड़ छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के चुनिंदा विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों के भी विदेशों में कैंपस खुलेंगे तथा दुनिया के 100 चुने हुए शैक्षणिक संस्थानों को भी भारत में प्रवेश दिया जाएगा ।
डॉ निशंक ने यह भी कहा कि शिक्षा नीति से हम आत्मनिर्भर भारत प्राप्त करेंगे और स्वच्छ भारत श्रेष्ठ भारत मेक इन इंडिया और तथा डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को भी हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में नयी शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श होगा और उसके आधार पर इसे लागू किया जाएगा ।


