Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत वापस तभी आऊंगा जब सर्वोच्च न्यायालय मुझे सुरक्षा का आश्वासन दे : नाईक

एक बयान में भगोड़े इस्लामिक उपदेशक ने कहा कि उसे भारतीय न्यायपालिका पर भरोसा है

भारत वापस तभी आऊंगा जब सर्वोच्च न्यायालय मुझे सुरक्षा का आश्वासन दे : नाईक
X

मुंबई। एनआरआई टेली-धर्म प्रचारक जाकिर नाईक ने आज कहा कि वह भारत लौटने के लिए तैयार है बशर्ते सर्वोच्च न्यायालय उसे लिखित में यह कहे कि जब तक वह वास्तव में दोषी नहीं ठहराया जाता, तब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

एक बयान में भगोड़े इस्लामिक उपदेशक ने कहा कि उसे भारतीय न्यायपालिका पर भरोसा है, लेकिन अभियोजन प्रणाली पर विश्वास नहीं है।

नाईक ने जोर देकर कहा, "आरोपों और शिकायतों के बावजूद, भारत या दुनिया में कहीं भी किसी भी अदालत में मेरे खिलाफ एक भी फैसला नहीं आया है।"

उसने कहा, "भारत के हालिया इतिहास से पता चलता है कि अदालत द्वारा निर्दोष घोषित किए जाने से पहले वहां गिरफ्तार किए गए मुसलमानों को 8 से 20 सालों तक जेलों में रहना पड़ता है।"

नाईक ने कहा, "भारतीय एजेंसियों के इस रिकॉर्ड को देखते हुए मैं अपने जीवन और अपने अधूरे काम को बर्बाद नहीं करना चाहता हूं।"

वह खुद से संबंधित नवीनतम घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दे रहा था, जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नाईक की गिरफ्तारी को लेकर मुंबई की एक अदालत में उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

ईडी ने नाईक पर 193 करोड़ रुपये के धनशोधन का आरोप लगाया है।

यदि वारंट जारी किया जाता है, तो ईडी इंटरपोल को एक याचिका भेजेगा जिसमें मलेशिया सहित सभी सदस्य देशों को रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) देने की मांग की जाएगी, ताकि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सके।

मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने सोमवार को कहा कि 'अगर नाईक को भारत में निष्पक्ष मुकदमा नहीं मिलने जा रहा है तो उनके देश को अधिकार है कि वह नाईक का प्रत्यर्पण न करे।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it