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रूस के साथ अभ्यास से दोनों देशों को होगा फायदा : भारत

रूस के साथ सेना के तीनों अंगों के संयुक्त अभ्यास ‘इंद्रा-2017’ में भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल एन.डी. प्रसाद ने आज कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों को फायदा होगा और उनकी क्षमता बढ़ेगी

रूस के साथ अभ्यास से दोनों देशों को होगा फायदा : भारत
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नई दिल्ली। रूस के साथ सेना के तीनों अंगों के संयुक्त अभ्यास ‘इंद्रा-2017’ में भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल एन.डी. प्रसाद ने आज कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों को फायदा होगा और उनकी क्षमता बढ़ेगी। श्री प्रसाद ने रूस के व्लादिवोस्तोक में अभ्यास के उद्घाटन समारोह के मौके पर यह बात कही।

उन्होंने कहा “दोनों देशों के बीच सेना के तीनों अंगों के साथ होने वाले इस पहले अभ्यास से यह पता चलता है कि भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी में किस प्रकार का जोश है।

घुसपैठ के खिलाफ ऑपरेशनों में दोनों देशों के लंबे अनुभवों को देखते हुये दोनों पक्षों को इससे काफी लाभ होगा और उनकी क्षमता बढ़ेगी।
” समारोह में श्री प्रसाद और रूस के ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सोलोमातिन ने पहले दोनों देशों की सेना की टुकड़ियों का निरीक्षण किया।इसके बाद दोनों देशों की तीनों सेनाओं की टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया।

भारतीय दलों ने मार्शल आर्ट्स और लोकनृत्य का भी प्रदर्शन किया जबकि रूस के चार लड़ाकू विमानों ने फ्लाईपास्ट किया। श्री सोलोमातिन ने कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध और मजबूत होंगे तथा “दो महान देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा।

” मीडिया से बात करते हुये तीनों सेनाओं के ऑब्जर्वरों के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस. नेगी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सेना के तीनों अंगों के साथ पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास आपसी सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। रूस के साथ राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ के मौके पर यह मील का पत्थर है। ‘इंद्रा-2017’ 19 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक चलेगा।

यह पहला मौका है जब किसी संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के तीनों अंग - थल सेना, वायु सेना और नौसेना - हिस्सा ले रहे हैं।

अभ्यास 249वीं कांबाइंड आर्मी रेंज सेरगीविस्की तथा समुद्र में जापान सागर के पास स्थित व्लादिवोस्तोक में किया जाना है।
भारतीय दल में थल सेना के 350 तथा वायु सेना के 80 कर्मी और दो आईएल विमान तथा नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस कदमत शामिल हैं।


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