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आबादी के मामले में भारत सात साल में होगा सबसे आगे

देश में परिवार नियोजन के सघन प्रयासों से प्रजनन दर में गिरावट के बावजूद महज सात सालों में भारत चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश हो जाएगा

आबादी के मामले में भारत सात साल में होगा सबसे आगे
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नई दिल्ली। देश में परिवार नियोजन के सघन प्रयासों से प्रजनन दर में गिरावट के बावजूद महज सात सालों में भारत चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश हो जाएगा।

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र की अोर से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में भारत जनसंख्या के लिहाज से चीन से आगे निकल जाएगा।

चीन की मौजूदा आबादी एक अरब 40 करोड़ है जबकि भारत की एक अरब 30 करोड़ रिपीट एक अरब 30 करोड़ है।

जनसंख्या विस्फोट के खतरों को भांपते हुए ही इस बार विश्व जनसंख्या दिवस का विषय “परिवार नियोजन:लोगों का सशक्तिकरण और देशों का विकास” रखा गया है।

जनसंख्या दिवस के साथ ही परिवार नियोजन पर एक बडा वैश्विक सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है जिसके तहत 2020 तक दुनियाभर में और 12 करोड़ महिलाओं को स्वैच्छिक परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने तथा उसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है क्योंकि ऐसा माना गया है कि दुनिया में 22 करोड़ से ज्यादा ऐसी महिलाएं है जो गर्भधारण करने की इच्छा नहीं रखने के बावजूद गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं करती हैं।

भारत ने भी इस दिशा में बड़ी पहल की है और जनसंख्या की बेतहाशा वृद्धि से जनहित से जुड़ी कई योजनाओं के पटरी से उतरने के खतरे को देखते हुए नयी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत घरेलू स्तर पर परिवार नियोजन के लिए ‘मिशन परिवार विकास’ के नाम से व्यापक अभियान चलाया है।

नई नीति के तहत देश में सबसे ज्यादा करीब तीन प्रतिशत की प्रजनन दर वाले सात राज्यों के 146 जिलों को चिन्ह्नित करके वहां लोगों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कई कार्यक्रम शुरु किए हैं।

इन राज्यों में प्रजनन दर 2025 तक घटाकर 2.1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।

अभियान के तहत उन कारणों का बारीकी से पता भी लगाया जा रहा है जो जनंसख्या वृद्धि की वजह बन रहे हैं।

इनमें परिवार नियोजन सुविधाओं का अभाव, पर्याप्त चिकित्सा केन्द्रों और वहां डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की कमी तथा ढांचागत सुविधाओं का अभाव जैसे कारणों के समाधान के लिए ठोस नीति पर काम हो रहा है।

इस बीच, परिवार नियोजन जागरूकता अभियान के तहत कई नई पहल भी की गई है।

नवविवाहित जोड़ों को नियोजन पहल किट उपलब्ध कराई जा रही है और परिवारों में सास-बहू के बीच बेहतर संवाद की व्यवस्था के लिए दरबार आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छोटा परिवार रखने के महत्व को समझाया जा रहा है।

ग्राम पंचायतों में हर जगह परिवार नियोजन से संबंधित सुविधाएं देने की तैयारी की गई है। परिवार नियोजन के तरीके अपनाने वालों को प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है।

इस महत्वाकांक्षी अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई निजी संस्थायें भी सहयोग कर रही हैं।


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