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ईरान-इजरायल के बीच शांति चाहता है भारत, सोनिया गांधी सिर्फ एक खास वोट बैंक को खुश कर रही हैं : रेखा शर्मा

ईरान-इजरायल के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के संपादकीय पर भाजपा सांसद रेखा शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भारत ईरान और इजरायल के बीच शांति चाहता है

ईरान-इजरायल के बीच शांति चाहता है भारत, सोनिया गांधी सिर्फ एक खास वोट बैंक को खुश कर रही हैं : रेखा शर्मा
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चंडीगढ़। ईरान-इजरायल के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के संपादकीय पर भाजपा सांसद रेखा शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भारत ईरान और इजरायल के बीच शांति चाहता है।

भाजपा सांसद रेखा शर्मा ने रविवार को कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में खड़ा रहा है और एक शांतिप्रिय देश है। भारत ईरान और इजरायल दोनों का मित्र है और प्रधानमंत्री मोदी का दोनों देशों में सम्मान किया जाता है। भारत दोनों के बीच शांति चाहता है, लेकिन किसी का एक का पक्ष नहीं लेता। सोनिया गांधी केवल एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए ऐसी बातें लिखती रही हैं।

उन्होंने कहा कि समझने वाली बात यह है कि अचानक से सोनिया गांधी विदेश नीति में रुचि लेने लगी हैं। सरकार जब उनकी थी तब रुचि नहीं आई। भारत के प्रधानमंत्री मोदी को आज दुनियाभर के देशों में सम्मान दिया जाता है, क्योंकि भारत की विदेश नीति बहुत अच्छी है। पीएम मोदी आज भी दोस्ती की ही बात कर रहे हैं।

बता दें कि सोनिया गांधी ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव पर भारत सरकार को रुख स्पष्ट करने की बात कही है।

पाकिस्तान की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार की पहल किए जाने पर भाजपा सांसद रेखा शर्मा ने कहा कि मेरा मानना है कि पाकिस्तान दोहरी राजनीति और कूटनीति करता है। उसे यह भी नहीं पता कि वह किस तरफ खड़ा है- इजराइल के साथ है या ईरान के साथ। एक तरफ वह गाजा की बात करता है, दूसरी तरफ ईरान की। लेकिन, साथ ही वह ईरान पर बमबारी करने वाले देश के प्रमुख को नोबेल शांति पुरस्कार देने की बात कर रहा है।

भाजपा सांसद ने कहा कि पाकिस्तान को पहले खुद से पूछना चाहिए कि वह वास्तव में किस तरफ खड़ा है। पहले वह अपने गिरेबान में झांके कि क्या वह शांति का मतलब जानता है। जब से पाकिस्तान बना है, वह आतंकवाद के साथ रहा है। वहां एक स्थाई सरकार नहीं बन पाई। कोई लोकतंत्र नहीं है। जब वे नोबेल पुरस्कार की बात करते हैं तो हंसी आती है। पाकिस्तान को खुद शांति पर भरोसा नहीं, उसकी बात कौन सा देश सुनेगा। इसलिए, पाकिस्तान को पहले अपने घर में झांकना चाहिए।


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