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भारत, तुर्की ने  आईसीटी, प्रशिक्षण तथा संस्कृति समझौतों पर किए हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के बीच यहां प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद सोमवार को भारत व तुर्की ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए

भारत, तुर्की ने  आईसीटी, प्रशिक्षण तथा संस्कृति समझौतों पर किए हस्ताक्षर
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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के बीच यहां प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद सोमवार को भारत व तुर्की ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, "भारत तथा तुर्की ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), प्रशिक्षण तथा संस्कृति के क्षेत्र में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।"

साल 2017-2020 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।

भारत के फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट (एफएसआई) तथा तुर्की के डिप्लोमेसी अकादमी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। आईसीटी के क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

इससे पहले, सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में एर्दोगन की अगवानी की और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका औपचारिक स्वागत किया गया।

इसके बाद, एर्दोगन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

बाद में मोदी तथा एर्दोगन ने सीआईआई, फिक्की तथा एसोचैम द्वारा आयोजित एक व्यापार सम्मेलन को संबोधित किया, जहां दोनों नेताओं ने भारत-तुर्की के व्यापार तथा आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सोमवार शाम एर्दोगन के सम्मान में रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। भारत के दो दिवसीय दौरे पर एर्दोगन रविवार को यहां पहुंचे। वह इससे पहले भारत 2008 में आए थे, तब वह तुर्की के प्रधानमंत्री थे।


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