Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत: विमानन क्षेत्र में एक कंपनी के एकाधिकार का खतरा

गोफर्स्ट के बंद होने के बाद एयर इंडिया और विस्तारा विमानन कंपनियों के विलय पर सवाल उठ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्रस्तावित विलय पर आपत्ति व्यक्त की है और एयर इंडिया से और जानकारी मांगी है.

भारत: विमानन क्षेत्र में एक कंपनी के एकाधिकार का खतरा
X

टाटा समूह ने नवंबर 2022 में घोषणा की थी कि वो अपनी दोनों पूर्ण सेवा विमानन कंपनियों एयर इंडिया और विस्तारा का विलय करेगा. एयर इंडिया पर पूरी तरह से टाटा का मालिकाना अधिकार है और विस्तारा टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्त उद्यम है.

लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस प्रस्तावित विलय पर आपत्ति व्यक्त की और एयर इंडिया से पूछा है कि क्यों उसके खिलाफ एकाधिकार या मोनोपोली के आरोपों को लेकर जांच नहीं की जानी चाहिए.

एयर इंडिया का एकाधिकार?

आयोग के मुताबिक इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी का कुछ हवाई मार्गों और बिजनेस श्रेणी जैसी श्रेणियों में एकाधिकार हो जाएगा. इसलिए आयोग ने एयर इंडिया को इस संदर्भ में कारण-बताओ नोटिस जारी किया है और 30 दिनों में जवाब देने के लिए कहा है.

आयोग, एयर इंडिया और विस्तारा ने अभी तक इस नोटिस के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है. रॉयटर्स ने तीनों से इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगी थी, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

प्रस्तावित विलय भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र में एक बड़ी घटना होगी. इसके बाद एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी और देश के अंदर दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी. डील के तहत सिंगापुर एयरलाइन्स भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर लेगी.

प्रतिस्पर्धा कानून के तहत अगर आयोग को लगता है कि किसी प्रस्तावित विलय से प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन से जुड़े सवाल उठ रहे हैं तो वो संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर सकता है. अगर कंपनियों के जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ तो वो प्रस्तावित डील की विस्तृत जानकारी भी मांग सकता है.

विमानन में उथल पुथल

कई बार ऐसा भी हुआ है कि आयोग के सवाल उठाने पर कंपनियों ने डील की शर्तों में बदलाव किए हैं और उसके बाद भी आयोग ने सशर्त अनुमति ही दी है. देखना होगा कि एयर इंडिया का मामला आगे क्या मोड़ लेता है.

भारत का नागरिक विमानन क्षेत्र इस समय बड़ी उथल पुथल से गुजर रहा है. बरसों से सरकारी नियंत्रण में घाटे में चल रही एयर इंडिया को पिछले साल ही टाटा समूह ने खरीदा. उसके बाद से समूह अपने विमानन कारोबार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

समूह ने कहा है कि वो अपने 40 चौड़े विमानों के पूरे के पूरे बेड़े के नवीनीकरण पर 40 करोड़ डॉलर खर्च करेगा. फरवरी 2023 में समूह ने एयरबस और बोइंग कंपनियों से 470 विमान खरीदने के एक रिकॉर्ड ऑर्डर की घोषणा की.

दूसरी तरफ हाल ही में लंबे समय से कई संकटों का सामना कर रही कंपनी गोफर्स्ट ने मई 2023 में दिवालियेपन की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद उसके मार्गों को दूसरी कंपनियों को देने की कवायद शुरू हो गई.

इस बीच हवाई यात्रा के टिकटों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनैशनल के मुताबिक भारत में पिछले साल के मुकाबले इस साल हवाई टिकट के दाम 41 प्रतिशत बढ़ गए हैं.

इसके लिए कई कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है. कोविड-19 महामारी के बाद लोगों का फिर से यात्रा करना, एविएशन टरबाइन ईंधन के दामों का बढ़ना, यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई चेनों में उथल पुथल का होना और गोफर्स्ट के दीवालियेपन आदि कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it